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लेबर सेस लगने से 40 हजार तक महंगा हो गया नक्शा पास कराना

एक प्रतिशत लेबर सेस अनिवार्य होने के बाद नक्शा पास करा पाना आम आदमी के बस की बात नहीं रह गई है। इसका असर नगर निगम और आरआरडीए में देखने को मिलने लगा है। मुश्किल से गिने चुने लोग ही अपना आवासीय नक्शा...

लेबर सेस लगने से 40 हजार तक महंगा हो गया नक्शा पास कराना
हिन्दुस्तान टीम,रांचीTue, 12 Sep 2017 01:51 AM
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एक प्रतिशत लेबर सेस अनिवार्य होने के बाद नक्शा पास करा पाना आम आदमी के बस की बात नहीं रह गई है। इसका असर नगर निगम और आरआरडीए में देखने को मिलने लगा है। मुश्किल से गिने चुने लोग ही अपना आवासीय नक्शा पास करा रहे हैं। सुजीत एंड एसोसिएट्स के संचालक आर्किटेक्ट सुजीत भगत बताते हैं कि श्रम रोजगार और प्रशिक्षण विभाग ने श्रमिकों के कल्याण के लिए भवन का नक्शा पास कराने में एक प्रतिशत लेबर सेस अनिवार्य किया है। इसके बाद से लोग हमारे पास नक्शा पास कराने नहीं आ रहे हैं। उदाहरण देते हुए सुजीत भगत ने बताया कि डॉ मधु गुप्ता मेरे पास नक्शा पास कराने आए। उन्हें 4000 वर्गफुट में अपना मकान बनाना था। मैंने उन्हें बताया कि 56,350 रुपये लेबर सेस देना होगा। इसके अलावा 15,000 रुपये मेरी फीस और 7480 रुपये नक्शा फीस जमा करनी होगी। कुल 78,830 रुपये देने होंगे। इतने सुनते ही उनके होश उड़ गए। सुजीत ने बताया कि अगर लेबर सेस से पहले डॉक्टर साहब ने नक्शा पास कराया होता, तो उन्हें 56,530 रुपए नहीं देने पड़ते।सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने आर्किटेक्ट और नगर निगम में नक्शा पास कराने के लिए आवेदन किया है, लेकिन लेबर सेस ने लोगों की कमर तोड़ दी है। लेबर सेस के रूप में इतना अधिक पैसा चुकाने के बजाय अधिकतर लोग नक्शा पास कराए बिना ही घर बनाने में जुट गए हैं। वहीं जिन लोगों को बैंक से लोन लेकर घर बनाना है, उनकी परेशानी बढ़ गई है। भवन निर्माण का रेट 1400 रुपए प्रति वर्गफुट तय हुआ श्रम रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग ने श्रमिकों के कल्याण के लिए भवन का नक्शा पास कराने में एक प्रतिशत लेबर सेस अनिवार्य किया है। भवन निर्माण का रेट 1400 रुपए प्रति वर्गफुट तय किया गया है। भवन की कुल लागत पर लेबर सेस लगता है। अगर एक हजार वर्गफुट भवन का नक्शा है, तो उसकी कुल लागत 14 लाख रुपए मानी जाएगी। उस पर एक प्रतिशत की दर से 14 हजार रुपए लेबर सेस नक्शा पास कराने वालों को देना अनिवार्य है। ऑडिट की आपत्ति के बाद लागू हुआ लेबर सेस नगर निगम में पहले सिर्फ बहुमंजिली भवनों के नक्शा पर लेबर सेस देना होता था। निजी भवन का नक्शा पास कराने पर लोगों से लेबर सेस नहीं लिया जाता था, लेकिन ऑडिट ने इस पर आपत्ति लगा दी। लेबर सेस नहीं वसूलना सरकारी राजस्व का नुकसान माना गया। इसके बाद नगर निगम ने निजी भवन का नक्शा पास कराने में भी लेबर सेस को अनिवार्य कर दिया। अब अवैध निर्माण में होगा इजाफाआर्किटेक्ट सुजीत भगत बताते हैं कि नक्शा पास कराने की पेचीदगी और मोटा खर्च से बचने के लिए लोग बिना नक्शा पास कराए ही मकान बनाने में लग गए हैं। नगर निगम में 500 से अधिक छोटे घरों का नक्शा पेंडिंग है, लेकिन लेबर सेस का नोटिस मिलने के बाद लोगों ने निगम का चक्कर लगाना बंद कर दिया है। कई लोगों ने बिना नक्शा पास कराए ही घर बनाना शुरू कर दिया है। रास्ता निकालने के लिए पीएमओ ने मांगा है जवाब एक प्रतिशत लेबर सेस से खड़ी हुई समस्या को लेकर सुजीत भगत ने पीएमओ को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने बताया कि लेबर सेस लगने से गरीब और मध्यम वर्गीय भवन कर्मकार अधिनियम के तहत 14 रुपए वर्गफट की दर से तय राशि नहीं दे पा रहे हैं, जिससे उनका मकान का नक्शा पास नहीं हो रहा है। ऐसे में बैंक उन्हें लोन नहीं दे रहे हैं। इससे अवैध निर्माण के चलन को बढ़ावा मिल रहा है। इसलिए 14 रुपए वर्गफुट की दर से ली जाने वाली राशि को घटाकर 10 रुपए वर्गफुट किया जाए। इसके बाद पीएमओ ने इस संबंध में चीफ सेक्रेटरी का पत्र लिखकर जवाब मांगा है, ताकि समाधान निकाला जा सके।

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