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कोविड- हॉस्पिटल के चिकित्सक व कर्मियों को 7 दिनों का कोरंटाईन

सात दिनों बाद चिकित्सकों की एक समिति करेगी स्वास्थ्य का मुआयना कोविड- हॉस्पिटल के चिकित्सक व कर्मियों को 7 दिनों का कोरंटाईनकोविड- हॉस्पिटल के चिकित्सक व कर्मियों को 7 दिनों का...

कोविड- हॉस्पिटल के चिकित्सक व कर्मियों को 7 दिनों का कोरंटाईन
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 13 Aug 2020 03:01 AM
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कोविड सेंटर या कोरोना के उच्च जोखिम वाले क्षेत्र के अंतर्गत कार्य करने वाले चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को अब एक साथ 14 दिनों के कोरंटाईन में नहीं भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा है कि उच्च जोखिम क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों के कोरंटाईन की अवधि शुरू में एक सप्ताह की होगी। एक सप्ताह की कोरंटाईन अवधि पूरी करने के बाद एक उपसमिति द्वारा उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। उपसमिति की अनुशंसा के आधार पर कोविड के नोडल पदाधिकारी या संबंधित विभागाध्यक्ष अगले एक सप्ताह के कोरंटाईन अवधि का निर्णय लेंगे। प्रधान सचिव ने कहा है कि एक सप्ताह कोरंटाईन पूरा करने के बाद आईसीएमआर प्रोटोकॉल के अनुसार उक्त चिकित्सक या कर्मियों के लक्षणों की पुन: जांच कराई जाएगी। जांच में किसी के पॉजिटिव पाए जाने के बाद कोविड हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया जाएगा। संक्रमित नहीं पाए जाने पर वह पुन: कार्य पर लौट सकते हैं। जबकि, कम जोखिम क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, पारामेडिकल कर्मी एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी नियमित रूप से कार्य करते रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इस बाबत एक निर्देश जारी किया है। जिसकी प्रति एनएचएम के अभियान निदेशक, सभी उपायुक्त व सिविल सर्जनों के साथ साथ राज्य व जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई को भेजते हुए कार्रवाई सुनिश्चित कराने की हिदायत दी है। हर अस्पतालात में बनानी है उपसमितिप्रधान सचिव ने कहा है कि हर अस्पताला में एक नोडल पदाधिकारी (संक्रमण नियंत्रण पदाधिकारी) की पहचान की जाएगी। नोडल पदाधिकारी अपने अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच कोविड के संक्रमण को रोकने के लिए समुचित उपाय करेगा। कोविड के नोडल पदाधिकारी अपने मूल्यांकन के अनुसार जोखिम के स्तर का आकलन करने के लिए एक उपसमिति बनाना सुनिश्चित करेंगे। उप समिति अपने अध्ययन के अनुसार जो भी आकलन समर्पित करती है उसी के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। कर्मियों के लिए भी दिए गए निर्देशप्रधान सचिव ने कहा है कि मरीजों के उपचार के क्रम में अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी के व्यक्तिगत सुरक्षा में चूक होने के कारण बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। उनके निकट संपर्क से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। इसके लिए रोधी उपाय जरूरी है। इसके तहत रिस्क प्रोफाईल के अनुसार पीपीई किट का उपयोग, कर्मियों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग, समय समय पर प्रशिक्षण, लक्षणों की त्वरित रिपोर्टिंग, साथ ही कर्मियों को कीमो प्रोफिलेक्सिस (रासायनिक पदार्थों द्वारा संक्रमण की रोकथाम) के साथ चिकित्सकीय पर्यवेक्षण प्राप्त हो। यही नहीं, डॉ कुलकर्णी ने स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित उपायों को भी करने की हिदायत दी है। साथ ही कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बचाव के निर्धारित उपायों का उल्लंघन किए जाने पर त्वरित कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।

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