मरांडी कर रहे लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन : विनोद पांडेय
राज्य सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल पेश की, लूट और घोटाले के मनगढ़ंत किस्से गढ़कर रचा जा रहा स्वांग

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा नेताओं बाबूलाल मरांडी एवं अन्य के बयानों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष हेमंत सोरेन सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से बौखला कर झूठ और अफवाहों का सहारा ले रहा है। उन्होंने कहा कि मरांडी जिस तरह ‘लूट और ‘घोटाले के मनगढ़ंत किस्से गढ़कर मुख्यमंत्री और पुलिस महकमे को बदनाम करने का स्वांग रच रहे हैं, वह लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है। विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हमेशा कहा है कि अगर किसी के पास कोई ठोस सबूत है तो वह उसे जांच एजेंसियों को सौंपे।
लेकिन भाजपा के पास तथ्यों का अभाव है, इसलिए वह केवल प्रेस बयान और सोशल मीडिया पोस्ट के सहारे जनता को गुमराह करने में लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं का उद्देश्य भ्रष्टाचार की जांच नहीं, बल्कि जनादेश से बनी सरकार की स्थिरता को नुकसान पहुंचाना है। प्रशासनिक व्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास प्रवक्ता पांडेय के अनुसार मरांडी जिस तरह अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम लेकर अनर्गल बयान दे रहे हैं, वह प्रशासनिक व्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास है। राज्य सरकार कानून के शासन में विश्वास रखती है और हर शिकायत पर संज्ञान उचित मंच पर लिया जाता है। विनोद पांडेय ने दो टूक कहा कि भाजपा नेताओं को झूठे आरोपों के बजाय रचनात्मक सुझाव देने चाहिए। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य विकास और सामाजिक न्याय के नए मानक स्थापित कर रहा है। आदिवासी, दलित, किसान, पिछड़ा वर्ग, महिला और युवा सभी वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं तेजी से लागू हो रही हैं। भाजपा को यह स्वीकार करना चाहिए कि झारखंड अब घोटालों के अंधकार से निकलकर पारदर्शी शासन के उजाले की ओर बहुत आगे बढ़ चुका है। कुपोषण जैसी समस्या भाजपा के लंबे शासनकाल की देन बच्चों के पोषण को लेकर लगाए गए आरोपों पर विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड में कुपोषण जैसी ऐतिहासिक समस्या भाजपा के लंबे शासनकाल की देन है। हेमंत सरकार ने ‘पोषण अभियान, आंगनबाड़ी केंद्रों के आधुनिकीकरण और पोषण आहार बजट बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाए हैं। कोविड और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय नियमित करने और गर्भवती महिलाओं-बच्चों के लिए पोषण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को लागू करने का काम हेमंत सरकार ने किया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




