अदालतों को सौर ऊर्जा से चलाने में झारखंड देश में सबसे आगे
सौर ऊर्जा से अदालतों को चलाने के मामले में झारखंड ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां चार अदालतों के सभी काम सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। इन अदालतों में...
सौर ऊर्जा से अदालतों को चलाने के मामले में झारखंड ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां चार अदालतों के सभी काम सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। इन अदालतों में जेनरेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस कारण इससे पर्यावरण भी संरक्षित हो रहा है। इस साल के अंत तक रामगढ़, देवघर, जामताड़ा, कोडरमा और चतरा की जिला अदालतें भी सौर ऊर्जा से लैस हो जाएंगी।
सौर ऊर्जा से संचालित होने के बाद राज्य में ऊर्जा की बचत तो हो ही रही है। अदालतों में अवकाश के दौरान अतिरिक्त बिजली ग्रिड के जरिए सरकार को वापस कर दी जाती है। सभी अदालतों में सोलर प्लांट भी लगाए गए हैं। सबसे आधुनिक सोलर प्लांट सिमडेगा का है। सिमडेगा का प्लांट सालाना 1200 यूनिट बिजली उत्पन्न करेगा, जो कोर्ट के लिए सौ फीसदी है। इसमें एयर कंडीशनर, कंप्यूटर, पंखे, ट्यूबलाइन, स्ट्रीटलाइट, प्रिंटर और बिजली के दूसरे उपकरण संचालित हो रहे हैं। चूंकि बिना रुकावट के बिजली मिलती रहती है, इसलिए जेरनेटर का उपयोग नहीं किया जाता है। इस व्यवस्था से प्रदूषण भी नियंत्रित हो रहा है।
हाईकोर्ट का नया भवन भी सौर ऊर्जा से संचालित होगा
झारखंड हाईकोर्ट का नया भवन भी सौर ऊर्जा से संचालित होगा। यहां सोलर प्लांट बनाया जा रहा है। अदालत परिसर के सभी काम सौर ऊर्जा से ही संचालित किए जाने की योजना है। इस परिसर की स्ट्रीट लाइट भी सोलर ऊर्जा से ही जगमगाएंगे। वकीलों के चैंबर, ओपीडी, रिजर्वेशन काउंटर का संचालन भी सौर ऊर्जा से ही किए जाने की संभावना है।
खूंटी से हुई थी देश में शुरुआत
अदालतों में सौर ऊर्जा का उपयोग खूंटी न्यायालय भवन से किया गया था। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। उन्होंने झारखंड सरकार और हाईकोर्ट की इस पहल की सराहना की थी और कहा था कि झारखंड का यह संदेश पूरे देश में जाएगा।