महिला सुपरवाइजरों की नियुक्ति पर रोक बरकरार
संक्षेप: सरकार और जेएसएससी को जवाब दाखिल करने का निर्देश, 30 अक्तूबर को होगी मामले की विस्तृत सुनवाई, शत प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने को चुनौती

रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजरों की नियुक्ति पर रोक बरकरार रखी है। गुरुवार को आंशिक सुनवाई के बाद जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 30 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है। इस मामले में राज्य सरकार और जेएसएससी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में आकांक्षा कुमारी सहित 33 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की है। जेएसएससी ने बाल कल्याण विभाग में महिला सुपरवाइजर के 421 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। पूर्व में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगा दी थी।
प्रार्थी भी इस परीक्षा शामिल हुए, लेकिन आयोग की ओर से प्रार्थियों का चयन यह कहते हुए नहीं किया गया कि इनकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं है। प्रार्थियों के पास विज्ञापन में निर्धारित मुख्य विषय की बजाय सहायक विषयों की डिग्री है, जबकि नियुक्ति नियमावली में ऐसा नहीं है। सुनवाई के दौरान यह मुद्दा भी उठाया गया कि नियुक्ति में किसी वर्ग को शत-प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। इसमें सिर्फ महिलाओं के आवेदन मांगा है। जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि प्रार्थी परीक्षा में शामिल हुई और उन्होंने इससे पहले न तो नियुक्ति नियमावली और न ही विज्ञापन की शर्तों को चुनौती दी थी। यह महिला कैडर के लिए ही नियुक्ति निकाली गई है।

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