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हरित विकास के रणनीतिक उपायों पर किया विमर्श

नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ सस्टेनेबल अर्बन हैबिटेट पर कंसल्टेशन का आयोजन, तेजी से बढ़ते शहरीकरण के बीच सततशील शहरी परिवेश की आवश्यकता को उजागर किया

हरित विकास के रणनीतिक उपायों पर किया विमर्श
Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीMon, 5 Aug 2024 03:22 PM
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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स, झारखंड सरकार और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के तत्वावधान में 'सस्टेनेबल अर्बन हैबिटेट के लिए जस्ट ट्रांजिशन' विषय पर एक कंसल्टेशन का आयोजन शहरी विकास एवं आवास विभाग झारखंड सरकार के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में शहरी विकास एवं आवास विभाग, रांची नगर निगम, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वित्त विभाग और अन्य प्रमुख एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

इस कंसल्टेशन ने तेजी से बढ़ते शहरीकरण के बीच सततशील शहरी परिवेश की आवश्यकता को उजागर किया और हरित विकास के रणनीतिक उपायों पर ध्यान केंद्रित किया। मुख्य कदमों में अक्षय ऊर्जा अपनाना, ऊर्जा दक्षता लागू करना और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना शामिल है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट को कम किया जा सके। इन प्रयासों का लक्ष्य न केवल क्लाइमेट रेसिलिएंट सिटीज को बढ़ावा देना है, बल्कि समावेशी विकास और दीर्घकालिक सततशीलता को भी प्रोत्साहित करना है।

शहरी विकास सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि हम ऐसे शहरी विकास को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जो भविष्यदर्शी और पर्यावरणीय रूप से सततशील हो। हमारी रणनीति का जोर अक्षय ऊर्जा, स्वच्छ आधारभूत संरचना और स्वच्छ परिवहन समाधानों को अधिकाधिक अपनाकर सततशील विकास की ओर अग्रसर होना है।

इस अवसर पर एके रस्तोगी (आईएफएस, सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स, झारखंड सरकार ने कहा कि सततशील शहरी परिवेश बेहतर भविष्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य में सततशील विकास में स्वच्छ और क्लाइमेट रेसिलिएंट सिटीज के लिए नीतिगत हस्तक्षेपों की आवश्यकता है, जिनमें एक्शन प्लान के जरिए अक्षय ऊर्जा का विस्तार, ऊर्जा दक्षता कदमों को लागू करना, ग्रीन कवर बढ़ाना, सस्टेनेबल मोबिलिटी आदि को लागू करना शामिल है।

स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (सूडा ) निदेशक अमित कुमार ने कहा कि सस्टेनेबल हैबिटेट के निर्माण के लिए एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो कार्बन उत्सर्जन, ऊर्जा खपत, वायु प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन और परिवहन की चुनौतियों का समाधान बेस्ट प्रैक्टिसेज एवं पायलट स्टडी पर आधारित हो। सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के सीईओ रमापति कुमार अंतर्विभागीय सहयोग, बेस्ट प्रैक्टिसेज का झारखंड में अनुपालन, मल्टी स्टेकहोल्डर एप्रोच और दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक नीतिगत पहल पर बात रखीं।

बैठक में जो प्रमुख विचारणीय बिंदु आए, उनमें जलवायु-संवेदनशील अधिसंरचना का निर्माण, एनर्जी ट्रांजिशन को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट-से-ऊर्जा और सोलर रूफटॉप परियोजनाओं को बढ़ावा देना, सस्टेनेबल हैबिटेट के लिए एक्शन प्लान और वायु गुणवत्ता प्रबंधन रणनीतियों को अपनाना, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों एवं सततशील समाधानों के जरिए हरित जगहों का विस्तार करना और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना आदि प्रमुख थे।

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