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ब्लैक फंगस के संदेह की जांच कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी

राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। इसके खतरे को देखते हुए प्रतिदिन जांच कराने वालों की भी संख्या बढ़ने लगी...

ब्लैक फंगस के संदेह की जांच कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 22 May 2021 08:50 PM
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- प्रतिदिन सभी बड़े अस्पतालों में 2 से 3 संदिग्ध करा रहे जांच

- निजी लैब दे रहे स्पेशल पैकेज

- डॉक्टरों ने तेजी से मरीजों के बढ़ने की जतायी है संभावना

- पहले से सिटी स्कैन कराकर पहुंच रहे मरीज

रांची। संवाददाता

राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। इसके खतरे को देखते हुए प्रतिदिन जांच करानेवालों की भी संख्या बढ़ने लगी है। रांची के लगभग सभी बड़े निजी अस्पतालों में प्रतिदिन 2 से 3 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें ब्लैक फंगस जैसे लक्षण दिख रहे हैं।

डॉक्टरों के अनुमान के अनुसार पिछले 10 दिनों में निजी और सरकारी मिलाकर 60 से अधिक लोगों ने स्क्रीनिंग करायी है। रिम्स में भी प्रतिदिन ब्लैक फंगस के लक्षण के साथ मरीज भर्ती हो रहे हैं। एक निजी अस्पतालों में भी प्रतिदिन 4 से पांच मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

चिकित्सकों के अनुसार ब्लैक फंगस को डिटेक्ट करने के लिए दो तरह की जांच की जाती है। पहला माइक्रोस्कॉपी और दूसरा कल्चर। ये माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ही होता है। माइक्रोस्कॉपी से प्रोविजनल रिपोर्ट आ जाती है, जबकि कल्चर के जरिए कंफर्म किया जाता है। यह जांच रिम्स में की जा रही है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों का भी दावा है कि उनके यहां भी यह जांच की जा रही है। वर्तमान में पूरे राज्य में करीब 28 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं, जिनमें 17 मरीज रांची में भर्ती हैं। रिम्स में ब्लैक फंगस के 11 मरीज भर्ती हैं। अब तक रांची में 4 ब्लैक फंगस के मरीजों की जान चली गई है।

निजी लैब में भी ब्लैक फंगस जांच के स्पेशल पैकेज

ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निजी लैब भी जांच के लिए स्पेशल पैकेज देने लगे हैं। रिम्स में पीपीपी मोड पर जांच करने वाला लैब हेल्थ मैप ने 6200 रुपए का पैकेज तैयार किया है। जिसमें कई तरह की जांच हैं, पर माइक्रोस्कॉपी और कल्चर का जिक्र नहीं किया गया है। सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन में इलाज के दौरान जरूरत पड़ने वाले जिन जांच का जिक्र किया गया है, अधिकतर इस पैकेज में शामिल हैं। इसके अलावा शहर के 12 और अस्पताल हैं, जहां ईएनटी जांच के नाम पर ऐसा पैकेज तैयार किया गया है। मेडिका की डॉक्टर अनिंद्या अनुराधा ने बताया कि कई मरीज पहले से सीटी स्कैन और एमआरआई जांच रिपोर्ट लेकर पहुंचते हैं, जिससे केस को तत्काल समझने में थोड़ी बहुत सुविधा होती है। दूसरे जिलों से पहुंच रहे अधिकतर मरीज सीटी स्कैन और एमआरआई पहले करा ले रहे हैं।

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