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विज्ञान के इस युग मे टोना-टोटका से महामारी टालने की जो कोशिश उचित नहीं : जेएमएम

प्रधानमंत्री की अपील पर जेएमएम केंद्रीय समिति के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कोविड-19 महामारी से पूरे विश्व की मानवता पर संकट मंडरा रहा है, ऐसे में देश के प्रधानमंत्री की ओर से देश को घरों...

विज्ञान के इस युग मे टोना-टोटका से महामारी टालने की जो कोशिश उचित नहीं : जेएमएम
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 03 Apr 2020 04:26 PM
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प्रधानमंत्री की अपील को सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने टोना-टोटका बताकर अनुचित बताया है। जेएमएम केंद्रीय समिति के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को प्रेस ब्यान जारी कर कहा कि कोविड-19 महामारी से पूरे विश्व की मानवता पर संकट मंडरा रहा है, ऐसे में देश के प्रधानमंत्री की ओर से देश को घरों की बत्ती बंद कर दीपक-मोमबत्ती जलाने का संदेश उचित नहीं लगता। इससे झारखंड समेत समस्त देशवासियों को निराशा की तरफ ले जाने का संदेश मिला है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान और तर्क के इस युग मे टोना-टोटका से कोरोना के मौजूदा महासंकट को टालने की जो कोशिश या पहल की जा रही है वह कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं हो रही है। झारखंड जैसे अत्यंत दुर्गम एवं पिछड़े राज्य में जहां विगत पांच वर्षों में सरकार ने इवेंट के नाम पर खजाना खाली कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने देश के समस्त मुख्यमंत्रियों से पिछले कुछ दिनों के दौरान दो बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद स्थापित किया, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों ही बार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य की पीड़ा और असुविधाओं के संबंध में कोई भी संवाद स्थापित नहीं किया गया। पिछली सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य ढ़ांचा के कमजोर कियासुप्रियो ने कहा कि पिछली सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य संरचना और आधारभूत सुविधाओं को नजरअंदाज किया। इस कारण राज्य में मौजूदा समय स्वास्थ्य सेवा को लेकर चिंता की स्थिति है। सीमित संशाधन और जनता के प्रति प्रतिबद्धता ही हेमंत सोरेन सरकार की कुल जमा पूंजी है। कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सजगता और सक्रियता, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सहित मंत्री परिषद के सभी मंत्रियों की कुशल कार्य क्षमता सराहनीय है। इसी प्रकार राज्य के मुख्य सचिव से लेकर निचले पायदान पर खड़े सफाई कर्मचारी, पुलिस महानिदेशक से लेकर होम गार्ड के जवानों द्वारा जिस तत्परता के साथ सेवा प्रदान किया जा रहा है वह अनुकरणीय है। दूसरी ओर राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता ने जो सक्रिय सहयोग इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में दिखाई है वह देश के लिए उदाहरण बन गया है। पासपोर्ट वालों की खता बीपीएल, एपीएल धारक भुगत रहे जेएमएम का कहना है कि ताली-थाली, दीया-बाती से कोरोना के खिलाफ जंग नहीं जीता जा सकता। पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं की क्या घर के सारे बत्तियां बन्द कर देने से कोरोना किसी का घर पहचान नहीं पाएगा या टॉर्च जलाकर देशवासी अपने घर के बाहर निकल कर कोरोना को खोजने का काम करेंगे। पासपोर्ट वालों की खता बीपीएल, एपीएल धारकों सहित 80 प्रतिशत देशवासियों को चुकाना पड़ रहा है। यह समय इवेंट का नहीं, राज्य की मदद करे केंद्रसुप्रियो ने कहा कि यह समय इवेंट का नहीं हो सकता। केंद्र सरकार अविलम्ब राज्य सरकार को सही अर्थों में यदि मदद करना चाहती है तो पर्याप्त मात्रा में हैंड सेनिटाइजर, एन95 मास्क, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट, सेनिटाइजेशन मोबाइल यूनिट, वेंटिलेटर, कोविड-19 डिटेक्शन किट, राज्य के बकाया जीएसटी और अन्य राशि का भुगतान कर सहयोग करे।

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