झारखंड में गंगा, सतलज, ब्रह्मपुत्र की क्रॉस ब्रीड मछलियां होंगी तैयार
गंगा, सतलज और ब्रह्मपुत्र नदियों की क्रॉस ब्रीड नई प्रजाति की मछलियां अब राज्य के लोगों को खाने को मिलेगी। ‘जयंती रोहू नाम से नई नस्ल की मछली तैयार करने में सामान्य रोहू मछलियों को भी ब्रीडिंग के लिए...
गंगा, सतलज और ब्रह्मपुत्र नदियों की क्रॉस ब्रीड नई प्रजाति की मछलियां अब राज्य के लोगों को खाने को मिलेगी। ‘जयंती रोहू नाम से नई नस्ल की मछली तैयार करने में सामान्य रोहू मछलियों को भी ब्रीडिंग के लिए उपयोग में लाया गया है। इन मछलियों के उत्पादन को लेकर मत्स्य विभाग जुट गया है और करीब 10 माह में यह बाजार में उपलब्ध हो जाएंगी।
मत्स्य विभाग के पदाधिकारी अरूप चटर्जी बताते हैं कि इन मछलियों को गंगा, सतलज, ब्रह्मपुत्र आदि नदियों की मछलियों से क्रॉस ब्रीड करवा कर तैयार किया गया है। राज्य में पहले इन मछलियों को ट्रायल के रूप में देखा जा चुका है। इसके बाद इन मछलियों के बीज को तालाब में डालकर इसका उत्पादन किया जा रहा है। साधारण रोहू के मुकाबले इन मछलियों का उत्पादन 18 गुणा अधिक होता है।
भुवनेश्वर से मंगाया गया है बीज : भुवनेश्वर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वाटर एक्वा कल्चर संस्थान से विभाग ने जयंती रोहू का बीज मंगवाया है, जिसे सूबे के दो हेचरी में पाला जा रहा है। यहां से मछली को स्टॉक कर उसे प्रजनन के लिए तैयार करना है, ताकि झारखंड खुद जयंती रोहू के उत्पादन के लिए आत्मनिर्भर हो सके। विभाग ने बताया कि इसके बाद ज्यादा से ज्यादा मछली का बीज तैयार किया जाएगा, ताकि हर मछली पालन करने वाले किसानों को बीज समय पर दिया जा सके। इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा। 13 प्रतिशत तक उनकी आय बढ़ सकती है।