प्रबंधन ऐसा अनुशासन, जिसमें शोध और शिक्षा दोनों शामिल: प्रो श्रीवास्तव
रांची में भारतीय प्रबंधन संस्थान ने मैनेजमेंट कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन किया, जिसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने व्यवसाय और प्रबंधन में अनिश्चितता पर चर्चा की। प्रो दीपक कुमार श्रीवास्तव ने...

रांची, विशेष संवाददाता। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रांची में मैनेजमेंट कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन शनिवार को किया गया। इसमें उद्योग जगत के दिग्गजों ने बदलते समय के साथ व्यवसाय और प्रबंधन के बदलते स्वरूप पर चर्चा की। कॉन्क्लेव का विषय था- अनिश्चितता। संस्थान के निदेशक प्रो दीपक कुमार श्रीवास्तव ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि बी-स्कूल के विद्यार्थियों के लिए मैनेजमेंट कॉन्क्लेव ग्लोबल कंपनी के इकोसिस्टम और नेतृत्वकर्ताओं के अनुभव से सीखने का अवसर है। इससे विद्यार्थियों की कल्पनाशीलता को नया आयाम और जीवन को लक्ष्य मिलता है। साथ ही, अनुभवी लोगों से उद्योग जगत में काम करने की सीख नए लक्ष्य देती है।
प्रो श्रीवास्तव ने कहा कि प्रबंधन एक ऐसा अनुशासन है जिसमें शोध और शिक्षा दोनों शामिल हैं। कहा कि आज की- बहु-वास्तविक दुनिया में सामाजिक वास्तविकताओं को समझना जरूरी है, ताकि संसाधनों की पहचान कर उनका सही इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने आज के कॉर्पोरेट दौर कि अनिश्चितता पर बात की। कहा कि आज के व्यावसायिक परिवेश में जटिलताएं हैं, जहां निश्चित गणना कारगर नहीं हो सकती, ऐसे में संभावनाओं की खोज करना ही एकमात्र सफलता का मार्ग है। विशिष्ट अतिथि एलटीआई माइंडट्री के ग्लोबल डेलिवरी हेड उमाशंकर रंगास्वामी ने कॉर्पोरेट जगत के व्यवधान को पहचानने के लिए परिस्थितियों का विश्लेषण करने, डिजिटल परिवर्तन को अपनाकर नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी की मदद से भविष्य में सफलता की तलाश करने और समय के साथ कॉर्पोरेट जगत के लिए जरूरी कौशल को अपनाने का सुझाव दिया। साथ ही, कॉर्पोरेट जगत की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय बदलावों के देखते हुए उनके अनुरूप अपने लक्ष्य तय करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने तकनीकी और व्यवहारिक कौशल को अपनाकर उद्योग जगत के पेशेवर व्यक्तित्व बनने की बात कही। उन्होंने विद्यार्थियों को खुद के भविष्य में निवेश करने, नियमित कौशल और ज्ञान को बढ़ाने, तकनीक आधारित व्यक्तिगत गुणों को बढ़ाने और करियर व निजी रुचियों के बीच संतुलन बनाये रखने की प्रेरणा दी। दूसरे सत्र में पैनल डिस्कशन का आयोजित हुआ। जहां प्रो राखी सिंह ने डब्ल्यूटीडब्ल्यू के सहायक निदेशक श्री सुधर्शन बोस और ग्रैंट थॉर्नटन भारत एलएलपी के सहायक निदेशक अंकुर गर्ग के साथ कॉर्पोरेट जगत के बदलते परिवेश, उपयोगी कौशल, युवा प्रबंधकों के नैतिक दायित्व पर चर्चा की। चर्चा के दौरान सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों के कार्य-संस्कृति, बाजार की बदलती स्थितियों, और कंपनियों को जीवित रखने की रणनीतियों पर चर्चा हुई। श्री अंकुर गर्ग ने कहा कि आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ज्ञान और समझ की व्यापक पहुंच उपलब्ध करा रहा है, इसका सही इस्तेमाल करने सीखना होगा। जबकि, सुधर्शन बोस ने व्यवसाय और कॉर्पोरेट जगत के पेशेवरों को अनिश्चित संभावनाओं का विश्लेषण कर उनके सरल उपाये तलाशने का गुण विकसित करने की बात कही। इसके लिए रचनात्मक सोच और तकनीकी कौशल को महत्व देने का सुझाव दिया। दूसरे सत्र में ग्रैंट थॉर्नटन भारत एलएलपी की सहायक प्रबंधक प्रिया सिंह ने कॉर्पोरेट जगत में लीन सिक्स सिगमा की भूमिका और एमबीए डिग्री के साथ आवश्यक कौशलों पर बात की। वहीं, त्रिवेणी टरबाइंस लिमिटेड के हेड लर्निंग एंड कंपिटेंसी डेवलपमेंट- विक्रम गुप्ता ने अनिश्चित समय में नेतृत्व पर अपने विचार साझा किए। इसके अलावा कमल चंद्रन, ग्रुप हेड- एचआर, गोकी और निधि प्रसाद, निदेशक-एचआर, एथर एनर्जी, ने कॉर्पोरेट जगत के नेतृत्वकर्ताओं के लिए जरूरी सुझाव दिए।
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