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जीएसटी: 75 लाख का कारोबार तो जमा करा दें एक प्रतिशत टैक्स

अगर आपका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए तक है तो आपको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। साथ ही आप पूरे देश में कहीं से भी अपना माल खरीद सकते हैं, जो पहले नहीं था। जबकि, पिछले साल, यानी वर्ष...

जीएसटी: 75 लाख का कारोबार तो जमा करा दें एक प्रतिशत टैक्स
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 28 Jun 2017 01:53 AM
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अगर आपका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपए तक है तो आपको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। साथ ही आप पूरे देश में कहीं से भी अपना माल खरीद सकते हैं, जो पहले नहीं था। जबकि, पिछले साल, यानी वर्ष 2016-17 में यदि आपका टर्न ओवर 75 लाख रुपए (कंपोजिट डीलर) का था तो आप केवल एक प्रतिशत टैक्स क्वार्टरली जमा करा सकते हैं। यह कहना है कि सेल टैक्स के संयुक्त आयुक्त आरपी वर्णवाल का। वर्णवाल मंगलवार को चेंबर भवन में दवा व्यवसायियों के लिए जीएसटी पर आयोजित वर्कशॉप में दवा व्यवसायियों को जीएसटी की बारीकियां समझा रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन चैंबर ऑफ कार्मस के मेडिकल चेयरमैन अश्विनी राजगढ़िया के सहयोग से किया गया था। कहा कि आप टोटल सेल का फीगर देकर बता दीजिए कि इस क्वार्टर में आपका सेल कितना है। उसका एक प्रतिशत जीएसटी आर 4 में भरिए और जमा करा दीजिए। आप केवल राज्य के बाहर बिक्री नहीं कर सकते हैं। कंपोजिट डीलर जिस दिन 75 लाख की सीमा पार करेगा वह सामान्य डीलर में आ जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यशाला के बाद व्यवसायियों के सवालों के जवाब भी दिए गए। इस अवसर पर विभाग की असिस्टेंट कमिश्नर रीना सिंह, दीन दयाल बर्णवाल, संदीप राजगढ़िया, अनिल खोसला, राजेंद्र कुमार राय, संजय काबरा, विवेक ढंढनिया, हरिशंकर मिश्रा, शशि कुमार, शरद मोदी व समीर वालिया समेत राज्यभर के दवा कारोबारी उपस्थित थे। अब तीन की जगह एक ऑथिरिटी रखेगी निगाह दवा कारोबार में जीएसटी से होने वाले फायदे के बारे में उन्होंने बताया कि पहले एक्साईज, सेल टैक्स व वैट की निगाह होती थी, जबकि अब केवल एक ही टैक्स ऑथिरिटी निगाह रखेगी। जीवन रक्षक दवाओं पर पांच प्रतिशत, सामान्य दवा, आयुर्वेदिक दवा व सर्जिकल उत्पादों पर 12 प्रतिशत एवं हेल्थ प्रोडक्ट, बेबी फूड आदि पर 28 प्रतिशत टैक्स लगेगा। आयात पर टैक्स लगेगा, जबकि निर्यात पूरी तरह टैक्स फ्री है। आपके कारोबार के बीच में नहीं होगा कोई अफसरबर्णवाल ने बताया कि पहले एसेसमेंट, इंस्पेक्शन व रजिस्ट्रेशन, तीनों ही के लिए अफसरों की दखल होती थी। लेकिन अब सबकुछ ऑनलाईन होगा। जो एक बच्चा भी कर सकता है। फॉर्म, रजिस्ट्रेशन, क्वैरी व जवाब भी ऑनलाईन। बीच में कहीं भी कोई अफसर नहीं होगा। छह माह के अंदर क्लोजिसंग स्टॉक समाप्त कर देना है। माल जहां कंज्यूम होगा वहीं टैक्सपहले जहां दवा बिकती थी टैक्स वहीं रह जाता था। अब दवा जहां खपत होगी वहां टैक्स जाएगा। सीएसटी का जो टैक्स पहले नहीं मिलता था अब मिलेगा। 100 प्रतिशत इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा। सभी फार्म (404, सी, एफ) से मुक्ति मिलेगी। छह माह बाद 50,000 से उपर के ट्रांजेक्शन पर रोड परमिट लगेगा। पीएस पर लगेगा टैक्सयदि फिजिशियन सैंपल या डिस्काउंट दे रहे हैं और उसका जिक्र कंपनी के एग्रीमेंट में डक्लियर नहीं किया गया है तो उस पर भी टैक्स (सेक्शन 15) देना होगा। जबकि यदि कोई सामान 25000 का है और ट्रेडमार्क है तो उसपर 100 प्रतिशत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) मिलेगा। जिस डीलर का आईटीसी जितना अधिक है, विवाद जितना कम है उसकी रेटिंग भी उतनी ही अधिक होगी।

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