चारा घोटाला को उजागर करने वाले आईएएस अधिकारी अमित खरे सेवानिवृत्त
-नई शिक्षा नीति के रूप में शैक्षणिक जगत को दिया अमूल्य उपहार -डीडी झारखंड...
रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो
केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गये। भारतीय प्रशासनिक सेवा में झारखंड कैडर (1985 बैच) के अधिकारी अमित खरे गुरुवार को केंद्र सरकार में उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए। अपने 36 साल की करियर में झारखंड और बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। सेवानिवृत्त होने पर शिक्षा मंत्रालय की तरफ से नयी दिल्ली में गुरुवार को उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे को विदाई दी गयी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर धर्मेंद प्रधान सहित विभाग के अन्य अधिकारियों ने उनके कामकाज की सराहना की। उन्हें चारा घोटाला का उद्भेदनकर्ता माना जाता है। चाईबासा उपायुक्त रहते हुए उन्होंने चारा घोटाला में पहला एफआईआर दर्ज कराया। जिसके बाद कई हाईप्रोफाइल जेल गए और उन्हें सजा मिली। इस वजह से उन्हें तत्कालीन शासन का कोपभाजन भी बनना पड़ा था, लेकिन वह अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहे। उनकी पत्नी निधि खरे फिलहाल केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं।
देश में 34 सालों बाद नई शिक्षा नीति लागू की गयी
उनके नेतृत्व में करीब 34 सालों के बाद भारत में नई शिक्षा नीति 2020 लागू किया गया। जिसे विशेषज्ञों ने भारत को विश्वगुरु बनाने का मास्टर प्लान बताया है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई क्रांतिकारी बदलाव किए। आईआईटी, आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया। तकनीकी संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा दिया।
डीडी झारखंड सहित एक दर्जन सैटेलाइट चैनल लांच किया
अमित खरे अगस्त 2021 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव के अतिरिक्त प्रभार में भी रहे। अपने कार्यकाल में उन्होंने डीडी झारखंड सहित एक दर्जन सैटेलाइट चैनल लांच किया। वहीं दूरदर्शन और आकाशवाणी को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। वहीं, डिजीटल मीडिया पॉलिसी सहित प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मजबूती के लिए कई कदम उठाए। ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर पॉलिसी को अंतिम रूप दिया।
झारखंड के पहले वाणिज्यकर आयुक्त
अमित खरे झारखंड के पहले वाणिज्यकर आयुक्त थे। शिक्षा, वित्त और राज्यपाल के प्रधान सचिव से लेकर विकास आयुक्त का पद भी संभाला। चाईबासा के उपायुक्त रहते हुए डायन हत्या के खिलाफ सामाजिक जागरुकता चलाया। जिससे राष्ट्रीय स्तर पर डायन हत्या के खिलाफ विमर्श शुरू हुआ। वह पटना, दरभंगा के जिलाधिकारी भी रहे। बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा कंबाइंड करा कर मेधा घोटाला को रोका।
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