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राजधानी में पिछले वर्ष हुई दुष्कर्म की सबसे अधिक घटनाएं

रांची। प्रिंस श्रीवास्तव राजधानी में वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर नवंबर तक...

राजधानी में पिछले वर्ष हुई दुष्कर्म की सबसे अधिक घटनाएं
हिन्दुस्तान टीम,रांचीMon, 11 Jan 2021 03:03 AM
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रांची। प्रिंस श्रीवास्तव

राजधानी रांची में वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर नवंबर तक दुष्कर्म की 213 घटनाएं हुईं। पुलिस के आंकड़े पर गौर किया जाए तो बीते पांच वर्षों में दुष्कर्म का आंकड़ा कभी भी 200 के पार नहीं गया। लॉकडाउन के दौरान जब पुलिस सबसे ज्यादा सक्रिय रही, हर मोहल्ले में तैनात रही, हर तरफ चेकिंग अभियान चला, बावजूद दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुकीं।

पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान पुलिस हर तरह का अपराध कम करने में कामयाब रही पर दुष्कर्म की घटनाओं पर काबू नहीं पा सकी। वहीं इस वर्ष के शुरुआती माह में ही दुष्कर्म की कई घटनाएं हो गई हैं। एक ओर ओरमांझी में युवती की गला काट कर हत्या कर दी गई। उसके साथ दुष्कर्म होने की भी आशंका है। वहीं दूसरी ओर जगन्नाथपुर में एक महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद उसे पत्थर से कूचकर मारने का प्रयास किया गया। अपराधियों का मनोबल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, पर पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। बता दें कि रांची पुलिस ने युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए शक्ति कंमाडो की तैनाती भी की है, बावजूद दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुक रहीं।

महिला सुरक्षा के लिए बनीं योजनाएं निष्प्रभावी

राजधानी में युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं, लेकिन वे सभी या तो निष्प्रभावी हैं या बंद हो गई हैं। इससे मनचलों का मन बढ़ता जा रहा है और छेड़खानी व दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं। राजधानी के सभी थानों में औसतन हर दूसरे दिन छेड़खानी और दुष्कर्म के मामले पहुंच रहे हैं।

ये योजनाएं हुई बंद

एंटी रोमियो स्क्वॉयड : शहर में घूमने वाले मनचलों के खिलाफ कार्रवाई करनी थी जो कभी नहीं हुई।

शक्ति कंमाडो : शहर के हर स्कूल-कॉलेज के बाहर तैनाती होनी थी। 100 डायल का रिस्पांस देना था जो कभी नहीं हुआ।

कानून की जानकारी देना: पुलिस के द्वारा युवतियों और महिलओं को कानून और हिंसा के बारे में उनके मोहल्लों में जाकर जानकारी देनी थी जो कभी नहीं हुआ।

रात में चेकिंग के नाम पर होती है खानापूर्ति

रांची पुलिस रात में चेकिंग और गश्त के नाम पर खानपूर्ति करती है। लोगों की सुरक्षा के लिए शहर में 31 पीसीआर में जवान गश्त करते हैं, लेकिन घटनाएं नहीं रुक रहीं। किसी भी घटना के बारे में जब लोग सूचना देते हैं तब पुलिस को पता चलता है। पुलिस के बड़े अधिकारियों का भी मानना है कि रांची पुलिस का सूचना तंत्र फेल है। इसका ताजा सबूत पिछले दिन किशोरगंज में सीएम के काफिले को रोकने का प्रयास है। 400 से अधिक लोग सड़क पर आ जाते हैं और किसी को कुछ पता नहीं चलता है। यही वजह है कि डीजीपी के आदेश पर शहर के दो थानेदारों को निलंबित भी होना पड़ा है।

पिछले पांच में दुष्कर्म की घटनाएं

वर्ष 2020 : 213

वर्ष 2019: 191

वर्ष 2018: 179

वर्ष 2017: 158

वर्ष 2016: 161

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