अदालतों की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट
अदालत ने पूछा :: पूर्व में अदालत के निर्देशों का कितना पालन हुआ, जिला अदालतों में मौलिक सुविधाएं कब तक उपलब्ध होगी, मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी
रांची। विशेष संवाददाता अदालतों की सुरक्षा और मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने सरकार से पूछा है कि पूर्व में अदालत के निर्देशों का कितना पालन हुआ है। जिला अदालतों में मौलिक सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक कहा कि राज्य की जिला अदालतों में कई बुनियादी सुविधाएं जैसे वॉशरूम और भवन की पर्याप्त सुविधा नहीं है। कई जिला अदालतों के भवन जर्जर स्थिति में है। इस कारण वकीलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाईकोर्ट के नजदीक झालसा के नए भवन का निर्माण कार्य सरकार को जल्द शुरू करना चाहिए। इसके फंड के लिए तकनीकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलनी है। डोरंडा स्थित झालसा के नए भवन में ऑडिटोरियम, मेडिएशन हॉल आदि की सुविधा नहीं है। झालसा के नए भवन के लिए हाईकोर्ट के बगल में जमीन भी मिल चुकी है, जिसमें बाउंड्री वॉल भी बनी हुई है, अब इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाना है। वर्ष 2018 में 48 करोड़ रुपए की टेक्निकल स्वीकृति दी गई थी, कार्य जल्दी शुरू नहीं होने से निर्माण की लागत बढ़ती जाएगी।
महाधिवक्ता ने क्या कहा
महाधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नए झालसा भवन के निर्माण सहित जिला अदालतों में बुनियादी सुविधा को लेकर राज्य सरकार अपने स्तर से प्रयासरत है। सरकार समीक्षा कर देखेगी कि जिला अदालत में कहां-कहां निर्माण कार्य जरूरी है। साथ ही यह देखेगी कि झालसा के नए भवन के निर्माण में कितनी राशि अब खर्च होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का समय प्रदान करते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त निर्धारित की है।
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