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पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार

रांची। प्रमुख संवाददाता राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को बड़ा झटका लगा...

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 04 Dec 2020 03:01 AM
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रांची। प्रमुख संवाददाता

राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को बड़ा झटका लगा है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय ने योगेंद्र साव को जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है। योगेंद्र साव के खिलाफ बड़कागांव में एनटीपीसी की जमीन अधिग्रहण के विरोध में भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज है और इस मामले में वह जेल में हैं। जमानत के लिए योगेंद्र साव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान योगेंद्र साव की ओर से अदालत को बताया गया कि जिस समय धरना दे रही भीड़ और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई उस समय योगेंद्र साव घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। इस मामले में योगेंद्र साव को राजनीतिक विद्वेष से फंसाया गया है और प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस मामले में योगेंद्र साव दो साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने योगेंद्र साव की दलील को खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।

इस मामले में योगेंद्र साव की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थी। अब जमानत के लिए योगेंद्र साव सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। गौरतलब है कि हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण किया जा रहा था। इसके विरोध में योगेंद्र साव के नेतृत्व में सत्याग्रह आंदोलन चलाया गया था। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इस मामले में योगेंद्र साव फिलहाल जेल में बंद हैं।

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