युद्धपोत के आर्मर प्लेट और कई संवेदनशील उपकरण बना रहा एचईसी
भारतीय नौसेना के लिए आर्मर प्लेट समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण बनाएगा। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण एचईसी करेगा। हाल ही में एचईसी ने नौसेना के एक महत्वपूर्ण उपकरण की फोर्जिंग की है जो...
भारतीय नौसेना के लिए आर्मर प्लेट समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण बनाएगा। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण एचईसी करेगा। हाल ही में एचईसी ने नौसेना के एक महत्वपूर्ण उपकरण की फोर्जिंग की है जो सफल रही है। इस सफलता के बाद अब अन्य उपकरणों के निर्माण में तेजी लायी जाएगी।
रक्षा मंत्रालय से एचईसी को 370 करोड़ का कार्यादेश मिला है। इनमें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और संवेदनशील उपकरण भी शामिल हैं। नौसेना के लिए बनने वाले उपकरणों का खुलासा आधिकारिक तौर पर नहीं किया जा रहा है। न्यूक्लियर शीट और युद्धपोत में हथियार और गोला, बारूद को सुरक्षित रखने से संबंधित उपकरण के निर्माण किए जाने वाले संवेदनशील उपकरणों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा युद्धपोत के शक्तिशाली डीजल इंजन का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके निर्माण में रक्षा मंत्रालय के उपक्रम मेरिन डीजल इंजन प्लांट का सहयोग भी लिया जा रहा है। इसके अलावा थल सेना के लिए भी जरूरी उपकरणों का निर्माण किया जा रहा है।
पिछले दिनों रक्षा मंत्रालय की टीम एचईसी के दौरे पर आयी थी। इस दौरान प्लांटों का निरीक्षण किया गया था और एचईसी की क्षमता और रक्षा मंत्रालय की जरूरतों पर बात हुई थी।इस दौरान रक्षा मंत्रालय का काम एचईसी को देने पर सहमति बनी थी। इसके बाद भारतीय नौसेना ने एचईसी को अपना निबंधित वेंडर बनाया। नौसेना के निबंधित वेंडर बनने के बाद एचईसी को सीधा कार्यादेश मिलने लगा है। हाल ही में एचईसी ने नौसेना के उपकरणों का निर्माण करने के लिए अलग यूनिट भी खोला है। इस यूनिट में रक्षा मंत्रालय और न्यूक्लियर उपकरणों से संबंधित काम किए जा रहे हैं।
नौसेना के लिए एचईसी का योगदान
-एनएस राणा के लिए गियर सिस्टम का निर्माण
-आधुनिक रडार का निर्माण
-परमाणु पनडुब्बी के महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण
- अरिहंत के लिए प्रोपेलर का निर्माण
रक्षा मंत्रालय के लिए एचईसी का योगदान
-इंडियन माउंटेन गन एमके 2 की असेंबलिंग
-105 एमएम गैन बैरल का निर्माण
-टी- 72 टैंक की कास्टिंग
-120 एमएम गन का हीट ट्रीटमेंट और मशीनिंग