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कोरोना की वजह से दूध की बिक्री हुई आधी, किसान परेशान

किसानों से शाम को नहीं खरीदा जा रहा है दूध

कोरोना की वजह से दूध की बिक्री हुई आधी, किसान परेशान
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 02 Apr 2020 02:27 AM
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झारखंड मिल्क फेडरेशन ने सरकार आदेश के बाद किसानों से दूध खरीदना शुरू कर दिया है। लेकिन सुबह और शाम की जगह सिर्फ सुबह ही दूध उठाया जा रहा है। फेडरेशन के एमडी सुधीर कुमार का कहना है कि बाजार में दूध की खपत आधे से भी कम हो गई है, इस कारण उनके फार्म में क्षमता से अधिक अधिक दूध बचे हुए हैं।

क्षमता दो लाख लीटर दूध की है, जबकि अभी जो स्थिति है, उसमें टैंकर सहित साढ़े तीन लाख लीटर दूध पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि दूध कहीं नहीं बिकने से अब ये खराब होने की स्थिति में हैं। लेकिन इसके बाद भी करीब 25 हजार किसानों से सुबह का दूध उठाया जा रहा है, ताकि उनकी आय में दिक्कत ना आए।

मालूम हो कि अभी हाल में ही तीन दिनों तक किसानों से दूध नहीं खरीदा गया था, जिससे किसानों को अपनी दूध नालियों में भी बहानी पड़ी थी। अभी दस दिन लग सकते हैं दूध उठाने में: अभी जो दूध की बिक्री कम हुई है और दूध का भंडार बढ़ा है जिससे दूध का उठाव कम हुआ है। फेडरेषन का कहना है कि अभी कुछ वक्त लगेगा, दूसरे जगहों पर अन्य चीजों के इस्तमाल के लिए दूध भेजा जा रहा है। जैसे ही दूध का स्टाॅक कम होगा किसानों से दोनों समय दूध लेना शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल जो स्थिति है इसमें दस दिन का वक्त लग सकता है। 1ण्5 लाख लीटर से घट कर 62 हजार लीटर तक घट गई दूध की बिक्री: अभी आपात्तकालिन अवधि में लोग इस कदर डर गए हैं कि पैकेट दूध तक लेने से बच रहे हैं। परिणाम यह है कि दूध की बिक्री आधी हो गई है। मेधा दूध आम दिनों राज्य में 1ण्5 लाख लीटर दूध की खपत करता था, वो आज आधी हो गई है। यही हाल सुधा दूर जो राज्य में आम दिनों में 2ण्5 लाख लीटर दूध की खतप करता था, वो भी आधी हो गई है। बाकी अन्य कंपनियों की दूध की खपत करीब एक लाख लीटर थी जो आधी हो गई है। कुल मिलाकर राज्य में करीब पांच लाख लीटर दूध की खपत होती रही है। इसके अलावा खुले दूध की बिक्री अलग से है।

मेधा को छोड़ सभी दूध कंपनियां बाहर से मंगवा रही है दूध:

फेडरेशन का कहना है कि मेधा को छोड़ बाकी दूसरी दूध की कंपनियां बाहर से ही दूध मंगवा रही है। खानापूर्ति के लिए कुछ कलेक्शन जरूर होता है, लेकिन अभी अगर मिलकर काम किया जाए तो किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है। दूध जिस तरह से बरबाद हो रहा है उसे रोका जा सकता है।

लखनऊ भेजा गया 40 हजार लीटर दूध:

बड़े पाउडर फैक्ट्री के नहीं होने के कारण फेडरेषन ने 40 हजार लीटर लखनऊ की एक फैक्ट्री को भेज दिया है। बताया गया कि एक निजी पाउडर फैक्ट्री रांची में है लेकिन उसने दूध लेने से मना कर दिया और ऊंचे दाम पर बिहार से दूध मंगवा लिया। इसे लेकर फेडरेशन ने इसकी षिकायत विभाग व प्रशासन से की है।

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