
भारतवर्ष गुरु परंपरा का द्योतक है, इसे विश्व गुरु कहा जाता है : अवधेश सिंह
संक्षेप: खलारी के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरुवार को महर्षि वेदव्यास जयंती और गुरु पूर्णिमा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। उपाध्यक्ष अवधेश सिंह ने गुरु परंपरा के महत्व पर...
खलारी, प्रतिनिधि। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर डकरा में गुरुवार को महर्षि वेदव्यास जयंती के साथ गुरु पूर्णिमा मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के उपाध्यक्ष अवधेश सिंह और विद्यालय प्रबंधकारिणी सदस्यों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर की गई। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने स्वागत गीत और गुरु महिमा के गीत प्रस्तुत किये। इस अवसर पर विद्यालय के उपाध्यक्ष ने सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित करते हुए कहा कि भारतवर्ष गुरु परंपरा का द्योतक है, तभी तो भारतवर्ष को विश्व गुरु की मान्यता प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा को भगवान वेदव्यास का जन्म हुआ था। उन्हीं वेदव्यास जी की जयंती आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है।

श्री सिंह ने कहा कि भारतवर्ष गुरु प्रधान देश है, सब जानते व मानते भी हैं कि हमारा देश विश्व गुरु रह चुका है एवं वर्तमान में उस दिशा की ओर कदम भी बढ़ा रहा है। वहीं उप प्रधानाचार्य बिद्यानंद झा ने कहा कि प्रत्येक शिष्य इस दिन अपने गुरु की पूजा करके अपनी क्षमता के अनुसार अपना समर्पण समर्पित करता हैं। इस पावन पूर्णिमा पर हम सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि हम अपने अपने गुरुओं को श्रद्धा भक्ति से पूजा- अर्चना करके घर परिवार, समाज, देश और दुनिया में भाईचारा, सौहार्द अमन शांति की कामना करें ताकि समस्त मनुष्य एक अच्छा मानव बन सकें। इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षकेत्तर, कर्मचारियों आदि कई उपस्थित थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन विजय कुमार प्रजापति ने किया।

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