बोले रांची:: ऐतिहासिक राहत, कंपनियां टैक्स कटौती का फायदा खुद नहीं समेटें
रांची में हिन्दुस्तान ने कारोबारियों के साथ जीएसटी के मुद्दे पर चर्चा की। कारोबारियों ने जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलाव का स्वागत किया, इसे ऐतिहासिक सुधार बताया। टैक्स में कटौती से आम लोगों को राहत...

रांची, संवाददाता। हिन्दुस्तान ने गुरुवार को कारोबारियों के साथ जीएसटी के मुद्दे पर बोले रांची कार्यक्रम किया। कारोबारियों ने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी टैक्स स्लैब में बदलाव का स्वागत किया। कहा कि यह ऐतिहासिक सुधार है। लेकिन, कंपनियों से अपील की है कि टैक्स कटौती का फायदा खुद न समेटें। आम लोगों को राहत दें, जो देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायक हो। कारोबारियों ने कहा कि सबसे बड़ी राहत रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होने से है। इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेंगी। बाजार में मांग में वृद्धि होगी और व्यापारी का व्यापार बढ़ेगा। त्योहारी सीजन से ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट और कपड़ा सेगमेंट में जीएसटी स्लैब में बदलाव से इस क्षेत्र में बड़ी वृद्धि की शुरुआत होगी।
केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बड़ा बदलाव करते हुए उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों को राहत दी है। यह फैसला रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं और उद्योगों तक व्यापक असर डालेगा। हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में कारोबारियों ने कहा कि टैक्स दरों में कमी से आमलोगों की जेब पर बोझ घटेगा और बाजार में मांग का नया वातावरण बनेगा। कुछ हद तक राहत महसूस होगी कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती कर आमलोगों को सीधी राहत दी है। खाद्य तेल, पैकेज्ड खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स घटने से आम परिवारों का मासिक बजट संतुलित होगा। खासकर मध्यम वर्ग, जो महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित रहता है, अब उसे कुछ हद तक राहत महसूस होगी। टैक्स कम होने से ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और बिक्री में इजाफा होगा। व्यवसायियों के अनुसार, सरकार ने जरूरी दवाओं पर जीएसटी शून्य कर दिया है। मेडिकल उपकरणों पर भी टैक्स घटाया गया है। इसका सीधा असर अस्पतालों, क्लीनिकों और डायग्नोस्टिक केंद्रों की खर्च पर पड़ेगा। अब स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों के लिए किफायती होंगी। निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च कम होने की संभावना निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च कम होने की संभावना है। कहा कि इससे गुणवत्तापूर्ण इलाज तक पहुंच आसान होगी और मध्यम वर्ग को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी को शून्य करने का फैसला भी बेहद अहम माना जा रहा है। पहले व्यक्तिगत बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगने से लोगों को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता था। अब यह बोझ पूरी तरह खत्म हो गया है। इस फैसले से लोग स्वास्थ्य और जीवन बीमा लेने के लिए और अधिक प्रेरित होंगे। इससे एक ओर बीमा क्षेत्र का विस्तार होगा, दूसरी ओर आम नागरिकों को सुरक्षा कवच भी मिलेगा। केवल उपभोक्ताओं ही नहीं, बल्कि उद्योग जगत को भी सरकार के इस कदम से बड़ा लाभ मिलेगा। निर्माण और रियल एस्टेट उद्योग को सीधे राहत मिलेगी कारोबारियों ने सीमेंट, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल सेक्टर में जीएसटी की दरें घटाने से बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद जताई है। निर्माण और रियल एस्टेट उद्योग को सीधे राहत मिलेगी। मकानों की लागत घटेगी, जिससे खरीदारों की मांग बढ़ेगी। कपड़ा उद्योग में टैक्स घटने से उत्पाद सस्ते होंगे और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारियों को सबसे अधिक फायदा होगा। गाड़ियों की कीमतें कम होने से बिक्री में बढ़ोतरी होगी। कहा कि त्योहारी सीजन में इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। इनका कहना है कि टैक्स दरों में कमी से उत्पादन को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कहा कि यह फैसला उपभोक्ताओं और निर्माताओं दोनों के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा। टैक्स दरों में कमी से महंगाई पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। कारोबारियों ने कहा कि शुरुआत में राज्य और केंद्र सरकार को राजस्व घाटा हो सकता है। लेकिन, लंबे समय के लिए रेवेन्यू में वृद्धि होगी। इस कदम से उपभोक्ता मांग बढ़ेगा, जिससे अब तक जो लोग जरूरी उत्पादों की पहुंच से दूर थे, अब इसकी खरीदारी कर सकेंगे। इससे रेवेन्यू में वृद्धि होगी। जीएसटी में बदलाव केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी असर डालेगा। लाभ 1. रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होने से मासिक बजट संतुलित होगा और महंगाई का बोझ कम होगा। 2. जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी शून्य होने से मरीजों को इलाज में राहत मिलेगा। 3. बीमा पर जीएसटी शून्य होने से लोगों में बीमा लेने की प्रवृत्ति में तेजी से सुधार होगा। 4. सीमेंट, टेक्सटाइल और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। 5. रिफंड और कंप्लायंस नियमों में सुधार से कारोबारियों की परेशानी कम होगी। सुझाव 1. टैक्स कटौती का फायदा कंपनियां खुद में न समेटे, बल्कि उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचे। 2. इस तरह के आर्थिक सुधार समय-समय पर परिस्थियों के अनुसार होने चाहिए। 3. कारोबारियों के विवाद निपटान के लिए ट्रिब्यूनल की स्थापना तय समय पर हो। 4. टैक्स कटौती का लाभ बाजार में सही तरह से लागू हो, इसकी निगरानी सरकार करे। 5. जीएसटी अनुपालन को सरल बनाने के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। :: किसने क्या कहा :: केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के स्लैब को सरलीकृत करते हुए अब केवल 5% और 18% स्लैब रखने के निर्णय का स्वागत करते हैं। लंबे समय से चली आ रही मांग पर आम उपभोक्ता की जरूरत की वस्तुओं पर कर का बोझ घटाया गया है। एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, मोटर पार्ट्स, कृषि उपकरण व बेबी फूड पर भी उपभोक्ता को सीधा लाभ मिलेगा। -संजय अखौरी, अध्यक्ष, जेसीपीडीए जीएसटी में किए गए इस बदलाव से देश की आर्थिक दिशा बदलने का प्रयास किया गया है। यह कदम भारत को चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि चैंबर कई वर्षों से इस सुधार की मांग करता आ रहा था। ऑटोमोबाइल सेक्टर में घरेलू खपत में वृद्धि होने के आसार हैं। -आदित्य मल्होत्रा, व्यवसायी अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने से टेक्सटाइल उद्योग पर बड़ा असर पड़ा था। जीएसटी में किए गए सुधार से घरेलू मांग बढ़ेगी। -रोहित पोद्दार रोजमर्रा के सामान सस्ते होने से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी। सरकार के राजस्व पर असर पड़ेगा। -जय प्रकाश शर्मा अब दो स्लैब होने से कंप्लायंस में काफी सहूलियत होगी। फेस्टिवल सीजन में इस घोषणा से मार्केट में डिमांड बढ़ेगी। सभी को फायदा होगा। -ज्योति पोद्दार जीएसटी दरों में कमी से निश्चित रूप से बाजार में मांग बढ़ेगी और इसका असर लगभग सभी वस्तुओं पर दिखाई देगा। -अजय कुमार व्यापारियों को कम वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता होगी। लागत कम होने के कारण मुनाफे में वृद्धि होगी। -मुकेश अग्रवाल कृषि उपकरणों पर जीएसटी की दर कम होने से किसानों को राहत मिलेगी, साथ ही कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में भी वृद्धि होगी। -साहित्य पवन त्योहारी सीजन से पहले सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई यह घोषणा बाजार में मांग बढ़ाने में सहायक होगी। -आस्था किरण अमेरिका के टैरिफ से कुछ असर पड़ रहा है। पर, जीएसटी स्लैब में इस बदलाव से रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी। -नवजोत अलंग रूबल अब तक का यह सबसे बड़ा जीएसटी सरलीकरण है। इसमें पूरी तरह से आम आदमी का ख्याल रखा गया है, जो सराहनीय पहल है। -राम बांगड़ सीमेंट विलासिता की चीज नहीं है। इसपर जीएसटी की दर घटने से आम जनता को लाभ मिलेगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर बूस्ट होगा। -अमित अग्रवाल टेक्सटाइल उत्पादों पर 25 सौ रुपये से ऊपर एमआरपी वाले उत्पादों पर कर की दर 18 फीसदी हुई है। इससे थोड़ी परेशानी होगी। -सुनील सरावगी टैक्स स्लैब में बदलाव से बाजार में बिक्री को नई रफ्तार मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक बाजार की स्थिति कमजोर थी। -अनिल अग्रवाल
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