मूलवासी सदान मोर्चा के सचिव विशाल कुमार सिंह ने कहा कि स्थानीय नीति को लेकर मुख्यमंत्री का बयान स्वागत योग्य है, लेकिन सरकार को नीति को परिभाषित करने से पहले 65 प्रतिशत मूलवासी सदानों के विचारों से भी अवगत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति बनाने को लेकर शुरू से मोर्चा केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में आंदोलनरत रहा है। पूर्व की सरकार को भी मूलवासी सदान मोर्चा ने स्थानीय नीति को परिभाषित करने से पहले कई बिंदुओं पर अपनी राय दी थी। कुछ सुझाव माने गए और कुछ नहीं। विशाल कुमार ने कहा कि स्थानीय नीति को खतियान के आधार पर परिभाषित करने और 11 गैर अनुसूचित जिलों में भी लोगों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी शत-प्रतिशत देने की मांग को लेकर मोर्चा ने आंदोलन किया था। इसके बाद ही कुछ विधायकों ने भी इसके समर्थन में मुख्यमंत्री को लिखित दिया था। उन्होंने कहा कि जब तक खतियान को आधार मानकर स्थानीय नीति को परिभाषित नहीं किया जाता, तबतक झारखंड राज्य बनने का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
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