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सरकार ने भूख से लड़ने के लिए लगाया दस का दम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई आपदा की स्थिति में किसी को भूखा नहीं रहने देने का संकल्प लिया है, लॉक डाउन के कारण सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोग दाल भात केंद्र,...

सरकार ने भूख से लड़ने के लिए लगाया दस का दम
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 01 Apr 2020 05:07 PM
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई आपदा की स्थिति में किसी को भूखा नहीं रहने देने का संकल्प लिया है, लॉक डाउन के कारण सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोग दाल भात केंद्र, थानों के कम्युनिटी किचन और सीएम किचन तक पहुंच पाएं मुमकिन नहीं। इसलिए मुख्यमंत्री ने मजदूरों, असहाय और हर जरूरतमंद तक खाना पहुंचाने के लिए मिल्स ऑन द व्हील की व्यवस्था करने का निर्देश सभी उपायुक्तों को दिया है।

भूखों को भोजना एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी होती जा रही है। मिल्स ऑन व्हील की शुरुआत पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त ने दो दिन पहले की है। मुख्यमंत्री ने इसे अच्छी पहल बताते हुए राज्य के सभी उपायुक्तों को अपने जिलों में जरूरतमंदों के मद्देनजर मिल्स ऑन द व्हील की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया। कहा कि अन्य उपायुक्त जरूरत वाले क्षेत्रों में इस पहल को करें। पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त ने 174 सीआरपीएफ बटालियन और विभिन्न व्यावसायिक और सामाजिक संगठनों की मदद से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने के लिए मिल्स ऑन व्हील्स की शुरुआत की है। मोबाइल वैन के माध्यम से अति निर्धन परिवारों के बीच भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है इस दौरान लॉक डाउन के नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जा रहा है। लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने और कोरोना से लड़ने के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। रांची में भी सीएम किचन के माध्यम से मोबाइल वैन भोजना उपब्लध कराने के लिए रवाना किए जा रहे हैं।

भूखों को भोजन झारखंड की बड़ी चुनौतीमजदूरों को भोजन उपलब्ध कराना झारखंड सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। करीब एक लाख से अधिक लोग राज्य के विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं, जबकि कोरोना हेल्पलाइन 181 पर प्रतिदिन ढाई से तीन कॉल मदद के लिए आ रहे हैं। श्रम विभाग के 10 हेल्पलाइन के माध्यम से साढे पांच लाख से अधिक प्रवासी मजदूर झारखंड वापसी की राह देख रहे हैं। लॉक डाउन के कारण फैक्ट्रियां और कारखाने बंद हो गए हैं। दैनिक मजदूर और गरीबों के निवाले पर संकट खड़ा हो गया है। सीटू के एडिशनल जनरल सेक्रेटरी आरपी सिंह के अनुसार असंगठित क्षेत्र के कामगारों का सबसे अधिक बुरा हाल है। ऐसे लाखों श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की जा रही है, लेकिन बहुत बड़े पैमाने पर किए जाने की जरूरत महसूस होने लगी है।

भोजन के लिए अब तक

1. रांची में सीएम किचन शुरू : प्रतिदिन 5000 लोगों को मिलेगा खाना। रांची क्लब और हज हाउस में जल्द शुरू होगा सीएम किचन। राज्य के सभी जिलों में सीएम किचन की तैयारी तेज।

2.थानों में कम्युनिटी किचन : राज्य के सभी थानों में पुलिस की मदद से कम्युनिटी किचन शुरू किया जा रहा है, बड़ा सफर तय करना बाकी कई जगहों पर अच्छी व्यवस्था देखने को मिल रही है। सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर पुलिस के प्रयास को सराहा भी जा रहा है।

3. 875 दाल भात केंद्र : 377 केंद्रों पर खिचड़ी दिया जा रहा है। 498 विशेष दाल भात केंद्रों को शुरू करने की तैयारी चल रही है, लॉक डाउन तक हर केंद्र से 200 लोगों को मुफ्त भोजन दिया जाएगा। खाद आपूर्ति विभाग ने 3.20 करोड़ रुपये का प्रबंध किया है।

4. आहार पैकेट : सरकार ने लॉक डाउन के दौरान राज्य के गरीब परिवारों को आकस्मिक आहार राहत पैकेट इसी हफ्ते से देगी। पाकुड़ से इसकी शुरुआत होने जा रही है, रांची में भी पांच हजार पैकेट बांटे जाएंगे। बाकी सभी जिलों में दो-दो हजार आहार पैकेट बांटे जाएंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग ने 56 लाख रुपये का बजट उपबंध किया है। इसमें दो किलो चूड़ा, आधा किलो गुड़, आधा किलो चना या सत्तू दिया जाएगा।

5. दो माह का राशन : राज्य के 57 लाख राशन कार्ड धारक और नौ लाख अंत्योदय परिवारों को दो माह का राशन देने का आदेश दे दिया गया है। सरकार के अनुसार राशन बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पीडीएस दुकानों को बारह घंटे तक खोला जा रहा है।

6. सात लाख जरूरतमंद चिन्हित : सरकार ने राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले सात लाख लोगों को चिन्हित किया है जिन्हें राशन कार्ड नहीं मिला है। ऐसे लोगों को जरूरतमंद मानते हुए सरकार ने इनके लिए भी आकस्मिक व्यवस्था के तहत राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इन्हें दस-दस किलोग्राम चावल देने की व्यवस्था की गई है।

7. क्वॉरेंटाइन और रिलीफ कैंप में भोजन : सरकार ने बाहर से आए लोगों की पहचान करके उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया है। क्वॉरेंटाइन केंद्रों और जगह-जगह बन रहे रिलीफ कैंप में रखे गए लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस समय सरकार कॉरन्टाइन एक लाख से अधिक लोग रखे गए हैं।

8. पंचायतों को दस-दस हजार रुपये : पंचायत स्तर पर जरूरतमंदों तक लगातार सहायता पहुंचाने के लिए प्रत्येक मुखिया को 10-10 हजार रुपये दिए गए हैं। कसी को भूखा न रखा जाए। मुखिया को कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र में गरीब लोगों का विशेष ध्यान रखें। किसी को भूखा न रहने दें।

9. मुख्यमंत्री को ट्वीट : मुख्यमंत्री को ट्वीट कर के भी जरूरतमंद मदद मांग सकते हैं। ऐसे लोगों की परेशानी पर कोई अन्य व्यक्ति भी ट्वीट कर ध्यानाकर्षित कर सकत हैं।

10. हेल्पलाइन : सरकार ने 181 से लेकर हर जिले में कोरोना हेल्पलाइन जारी किया है। लोग मदद मांग सकते हैं।

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