ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड रांचीपीजी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स के पहले बैच के तीन टॉपरों को गोल्ड

पीजी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स के पहले बैच के तीन टॉपरों को गोल्ड

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) का पहला सर्टिफिकेट वितरण समारोह शनिवार को संपन्न हुआ। इसमें विश्वविद्यालय में संचालित दो पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम और एक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के 91...

पीजी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स के पहले बैच के तीन टॉपरों को गोल्ड
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 25 Jan 2020 02:15 AM
ऐप पर पढ़ें

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) का पहला सर्टिफिकेट वितरण समारोह शनिवार को संपन्न हुआ। इसमें विश्वविद्यालय में संचालित दो पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम और एक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के 91 विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट दिए। साथ ही, इन विषयों के तीन टॉपरों को गोल्ड मेडल दिए गए, जिनमें दो छात्राएं हैं। इसमें बतौर मुख्य अतिथि उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के निदेशक सुशांत गौरव मौजूद थे। अध्यक्षता कुलपति डॉ सत्य नारायण मुंडा ने की।

समारोह में सत्र 2018-19 के अमानत सर्वे सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के- 41, पीजी डिप्लोमा इन काउंसिलिंग, गाइडेंस एंड रिहैबिलिटेशन के- 36 व पीजी डिप्लोमा इन हॉस्पीटल मैनेजमेंट के- 14 सफल विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट दिए गए। हॉस्पीटल मैनेजमेंट में 83.42 प्रतिशत के साथ मृदुला कुमारी टॉपर बनीं, लेकिन वह समारोह में उपस्थित नहीं हो सकीं। वहीं, काउंसिलिंग एंड गाइडेंस में 69.75 प्रतिशत के साथ टॉपर बनीं ज्योति रोहिला और अमानत सर्वे में 73 प्रतिशत प्राप्तांक के साथ टॉपर बने संतोष कुमार ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया।

मुख्य अतिथि उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के निदेशक सुशांत गौरव ने कहा कि प्रमाणपत्र प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों के लिए यह महत्वपूर्ण दिन है। यहां से आपके सपने पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञान अर्जन सतत प्रक्रिया है। युवाओं का दायित्व है कि उन्होंने समाज से जो प्राप्त किया उसे लौटाएं। सफल विद्यार्थियों में छात्राओं का दबदबा कायम होने को उन्होंने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक कमद बताया।

कुलपति डॉ सत्यनारायण मुंडा ने विद्यार्थियों को नए माहौल के अनुरूप समाज में आदर्श प्रस्तुत करने को कहा। छात्रों को सामाजिक भागीदारी के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा जोड़नेवाली होनी चाहिए। ज्ञान अर्जित करने साथ युवा सामाजिक दायित्व भी पूरा करें। रजिस्ट्रार डॉ एनडी गोस्वामी ने कहा कि विश्वविद्यालय में 29 पारंपरिक व 21 वोकेशनल व स्व वित्तपोषित पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हुआ है। उन्होंने जल्द ही चार अन्य नए रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही।

मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉ नमिता सिंह, सभी डीन, विभागागध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक डॉ पीके प्रधान, मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ यूसी मेहता, प्लास्टिक सर्जन डॉ अनंत सिन्हा समेत अन्य शिक्षकगण मौजूद थे। संचालान डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी ने किया।

टॉपरों ने कहा

ज्योति रोहिला, पीजीडी काउसिंलिंग एंड गाइडेंस- मनोविज्ञान से स्नातकोत्तर के बाद कोई एडवांस कोर्स करने की इच्छा थी। काउंसिलिंग और गाइडेंस की जरूरत आज सबको है, चाहे बच्चे हों या युवा। आगे एमफिल करना चाहती हूं। समाज के लिए अपनी शिक्षा का उपयोग करना चाहती हूं।

संतोष कुमार, अमानत सर्वे- किसी ऐसे विषय की पढ़ाई करना चाहता था, जिसमें रोजगार की गारंटी हो। अमानत सर्वे ऐसा ही विषय था, इसलिए चुना। इसमें अच्छा करियर विकल्प है। विश्वविद्यालय ने इस तहर के कोर्स शुरू कर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें