छात्राओं को प्राथमिक चिकित्सा के प्रति जागरूक किया गया
रांची। प्रमुख संवाददाता वीमेंस कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई की ओर से...

रांची। प्रमुख संवाददाता
वीमेंस कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई की ओर से सोमवार को चिकित्सकीय जागरुकता पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता प्राचार्या डॉ शमशुन निहार ने की। इंद्रावती कुमारी (एक्सएलआरआई से एमबीए, हेल्थ केयर ट्रेनिंग सेंटर संचालिका) ने इस कार्यक्रम में फर्स्ट एड, हार्ट अटैक, मेडिकल इमरजेंसी, इनवायरमेंटल इमरजेंसी पर विस्तार में जानकारी दी। फर्स्ट एड के तहत छात्राओं को बताया गया कि एंबुलेंस बुलाने के पहले लोकेशन, मरीज की संख्या, मरीज की उम्र और हालत, आसपास मौजूद दूसरी समस्याओं की जानकारी आदि इकट्ठी करनी चाहिए।
इंद्रावती कुमारी ने कहा कि बीमार व्यक्ति की स्थिति को सुधारने के लिए भी फर्स्ट एड का प्रयोग किया जाता है। फर्स्ट एड पूर्ण चिकित्सा नहीं होती, लेकिन इससे अस्पताल ले जाने के लिए रोगी की स्थिति को बेहतर किया जा सकता है। अस्पताल ले जाते समय या मदद का इंतजार करते समय किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देने से उसकी जान बच सकती है। आपातकालीन स्थिति में कुछ आसान तकनीकों और बहुत कम उपकरणों का इस्तेमाल करके किसी को प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है। यह आसानी से सीखा जा सकता है। किसी को बिजली का झटका लगा हो तो मुख्य जगह से बिजली का करंट बंद कर दें, ताकि उसके और बिजली के बीच का संपर्क खत्म हो सके। हड्डी टूटने की हालत में यह बताना काफी मुश्किल होता है कि किसी की हड्डी टूटी है या जोड़ टूटा है या उसे सिर्फ मांसपेशियों में चोट आई है। इसे लेकर किसी तरह का संशय हो तो उस चोट को हड्डी टूटने के समान ही माना जाना चाहिए।
मौके पर एनएसएस स्वयंसेवकों ने एक लघु नाटिका का भी मंचन किया, जिसका संदेश था- स्त्रियों की सामाजिक हालत में सुधार आवश्यक है। लगभग 200 छात्राएं कार्यक्रम में उपस्थित थीं। संचालन एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कुमारी उर्वशी, डॉ भारती सिंह और डॉ सुरभि श्रीवास्तव ने किया।
