ओरमांझी में पीएलएफआई के चार उग्रवादी धराए
पीएलएफआई कमांडर तुलसी पाहन ने जेल में रहते ओरमांझी में क्रशर संचालकों और ठेकेदारों पर लेवी के लिए दबाव डाला था। 11 जुलाई की रात तुलसी के कहने पर पिस्का मुखिया रामधन बेदिया और संजय कुमार के माइंस और...
पीएलएफआई कमांडर तुलसी पाहन ने जेल में रहते ओरमांझी में क्रशर संचालकों और ठेकेदारों पर लेवी के लिए दबाव डाला था। 11 जुलाई की रात तुलसी के कहने पर पिस्का मुखिया रामधन बेदिया और संजय कुमार के माइंस और क्रशर में पोकलेन और जेसीबी में आग लगाने की घटना को अंजाम दिया गया था। आगजनी के बाद भी क्रशर मालिकों ने पीएलएफआई उग्रवादियों को पैसा नहीं पहुंचाया। ऐसे में मंगलवार रात फिर से उग्रवादियों का जुटान जराटोली आनंदी के पास हुआ था।
रांची के अभियान एएसपी आरसी मिश्रा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने एक टीम का गठन किया। टीम में जेजे, एसएसबी और रांची पुलिस के जवान शामिल थे। टीम ने जराटोली आनंदी में एक मुर्गीफार्म के पास छापेमारी कर मनोज मुंडा, मनीष कच्छप उर्फ मांगा, मोहन उरांव, महावीर मुंडा उर्फ पीकी को हथियार, गोली और पीएलएफआई के पर्चे के साथ गिरफ्तार किया। उग्रवादियों के पास से एक स्कार्पियो और एक बोलेरो भी बरामद किया गया है। गिरफ्तार चारों उग्रवादी को बुधवार को जेल भेजा गया।
वासेपुर फेम फहीम खान के जरिए केस मैनेज का झांसा
एएसपी अभियान आरसी मिश्रा ने बताया कि ओरमांझी का मनोज मुंडा अपनी पत्नी की हत्या के मामले में रांची जेल में बंद था। वहीं पर पीएलएफआई कमांडर तुलसी पाहन से उसकी दोस्ती हुई। जेल में तुलसी पाहन ने मनोज को कहा कि वह उसकी पत्नी की हत्या का केस वासेपुर के फहीम खान के जरिए मैनेज करा देगा। फहीम से केस मैनेज कराने के एवज में तुलसी ने मनोज से कहा कि वह पीएलएफआई से जुड़कर ओरमांझी इलाके में संगठन का विस्तार करे। मनोज ने जेल से छूटने के बाद ओरमांझी इलाके में कमांडर के तौर पर काम शुरू कर दिया।
टोल प्लाजा के पास करनी थी फायरिंग
पीएलएफआई उग्रवादियों ने 11 जुलाई की रात आगजनी की थी। इसके बावजूद इलाके के क्रशर व माइंस संचालक पैसा देने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में उग्रवादियों की योजना ओरमांझी में टोल प्लाजा के समीप फायरिंग करने की थी। लेकिन ऐन मौके पर पुलिसिया कार्रवाई से मंसूबा पूरा नहीं हो पाया।