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चारा घोटाला: लालू से बोले जज- इलाज ठीक से नहीं हो रहा तो बोलिए, दिल्ली भिजवा देते हैं

कोर्ट में पेशी के दौरान जज ने लालू प्रसाद से उनकी तबीयत के बारे में पूछा। कहा कि इलाज ठीक से हो रहा है कि नहीं? आप बोलिए तो हम दिल्ली भेज देते हैं आपको। इस पर लालू प्रसाद ने जज से कहा- ‘जी...

चारा घोटाला: लालू से बोले जज- इलाज ठीक से नहीं हो रहा तो बोलिए, दिल्ली भिजवा देते हैं
रांची, वरिष्ठ संवाददाताMon, 19 Mar 2018 08:51 PM
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कोर्ट में पेशी के दौरान जज ने लालू प्रसाद से उनकी तबीयत के बारे में पूछा। कहा कि इलाज ठीक से हो रहा है कि नहीं? आप बोलिए तो हम दिल्ली भेज देते हैं आपको। इस पर लालू प्रसाद ने जज से कहा- ‘जी हुजूर, इलाज ठीक से हो रहा है।’ इसके बाद लालू कोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच निकले और रिम्स चले गए।  

चारा घोटाले मामले में सुबह से ही कोर्ट रूम में गहमा-गहमी थी। हर कोई एक-दूसरे से यही जानने का प्रयास कर रहा था कि फैसला कितने बजे सुनाया जाएगा। या फिर आज भी फैसला टल जाएगा। लोग आपस में तरह-तरह का कयास भी लगा रहे थे। इसी बीच साढ़े ग्यारह बजे अदालत का फरमान जारी होता है कि सभी आरोपियों को हाजिर करें। यह बात पूरे कोर्ट परिसर में आग की तरह फैल गई। दिन के 12 बजे से कोर्ट रूम में लोगों का आना शुरू हो गया। साढ़े 12:30 बजे कोर्ट रूम अधिवक्ता, मीडियाकर्मी, आरोपियों व अन्य लोगों से भर गया। 

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एक बजे कार्रवाई शुरू हुई 
दिन के एक बजे न्यायाधीश शिवपाल सिंह कोर्ट रूम में पहुंचते हैं। अपनी कुर्सी में बैठते ही अधिवक्ताओं से पूछते हैं कि क्या दोनों पक्ष के लोग आ गए हैं। जवाब मिला- जी हुजूर। फिर जज ने पूछा- क्या सभी आरोपी पहुंच गए हैं। जवाब मिला- जी हुजूर। जज कहते हैं कि फैसला वर्णक्रमानुसार सुनाया जाएगा। उन्होंने सबसे पहले आरोपी अदीप चंद्र चौधरी का नाम पुकारा। अदीप ने कहा- जी हुजूर...। फिर जज ने कहा आपको रिहा किया जाता है। आप बाहर चले जाएं। यह सुनने के बाद कोर्ट रूम में मौजूद कई आरोपियों के चेहरे खिल उठे। उन्हें यह लगने लगा कि अब उनको भी अदालत से राहत मिलेगी। 

फिर जब आरोपी अजित कुमार वर्मा को दोषी करार दिया तो उपस्थित सभी आरोपी सहम गए। दोषी करार देने के बाद जज ने हवालदार से कहा- दोषियों को कस्टडी में लें। छह लोग बचे हैं क्या करें

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26 लोगों पर फैसला सुनाने के बाद जज ने कहा कि छह लोग- लालू प्रसाद, बेग जुलियस, महेश प्रसाद, फूलचंद्र, आरके राणा और जगदीश शर्मा कोर्ट में हाजिर नहीं हुए हैं। आप लोग बताएं कि क्या करें, सुना दें? तब अधिवक्ताओं ने कहा कि जी हुजूर, फैसला सुना दिया जाए। इसके बाद अदालत ने इन आरोपियों पर अपना फैसला सुनाया। दिन के 1:25 बजे कार्रवाई समाप्त हो गई। इसके बाद दिन के 1:35 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच लालू प्रसाद कोर्ट रूम पहुंचे। 

एक नजर आरसी 38ए/96 पर : 
सीबीआई एफआईआर- 11/04/96
घोटाला- 3.76 करोड़ रुपये
कोषागार-दुमका
स्पेशल पीपी- राकेश प्रसाद
अंतरिम चार्जशीट- 11/05/2000
धारा- आईपीसी 420, 120बी एवं पीसी एक्ट 13(2)
आरोपियों की संख्या- 48
सुनवाई के दौरान मृत्यु- 14
सरकारी गवाह बने- 3
सरकारी गवाह की मौत-1
निर्णय पूर्व दोष स्वीकार - 1
ट्रायल फेस आरोपी- 31
चार्जफ्रेम- 26/09/2005

क्या है मामला
दुमका कोषागार से 22 साल पहले 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी। कोषागार से राशि की निकासी दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच हुई थी। इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल, 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले में सीबीआई ने अनुसंधान के बाद दो चार्जशीट अदालत में दायर किया गया था। 11 मई, 2000 को अदालत में पहली चार्जशीट दायर की गई थी।

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इन आरोपियों हो गई मौत
बजट पदाधिकारी बीबी प्रसाद, मंत्री भोला राम तूफानी, मंत्री सीडीपी वर्मा, ट्रेजरी आफिसर चट्टो प्रसाद, एकाउंटेंट कालिका प्रसाद सिन्हा, सेक्रेट्री के अरूमुगाम, बीआर फार्मा के प्रो महेंद्र प्रसाद, एमएस भगत एंड कंपनी के प्रमोद कुमार जायसवाल, एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर आरके दास, वेटनरी आफिसर राजेंद्र सिंह, डायरेक्टर राम राज राम, वेटनरी अधिकारी एसएन सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर एसबी सिन्हा और वेटनरी आफिसर वसीमुद्दीन। 

ये सरकारी गवाह बने
हेड असिस्टेंट रामेश्वर चौधरी, वेटनरी आफिसर डॉ सईद। 

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