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कृषि पर निर्भर जिला के किसान बारिश एवं बिजली विभाग से परेशान

बारिश ने पहले ही किसानों को धोखा दे रखा है। साथ ही बिजली विभाग भी किसानों के साथ आंख मिचौली का खेल खेलती रहती। जिसके कारण कृषि पर निर्भर प्रखंड...

कृषि पर निर्भर जिला के किसान बारिश एवं बिजली विभाग से परेशान
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रांचीTue, 19 Sep 2023 02:01 AM
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खूंटी, प्रतिनिधि। बारिश ने पहले ही किसानों को धोखा दे रखा है। साथ ही बिजली विभाग भी किसानों के साथ आंख-मिचौनी का खेल खेल रहा है। इस कारण कृषि पर निर्भर प्रखंड सहित जिला के किसान परेशान हो चुके हैं। इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रह है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से खेती-किसानी के कार्य भी ठप पड़ जाते हैं। दूसरी तरफ, बारिश के नहीं होने से उमस के कारण परेशानी और बढ़ती जाती है। घरेलू कामकाज और आम जीवन पर बिजली का संकट का असर सीधा पड़ रहा है। बिजली के कट जाने से मच्छरों का प्रकोप भी झेलना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली डेढ़ से दो घंटे तक कटे रहे हैं। शहरी क्षेत्र में एक-एक घंटा तक बिजली की कटौती हो जाती है। हालांकि, यह स्थिति जिला मुख्यालय से शहर में नहीं है। ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट से कारोबार और बाजार प्रभावित हो जाता है।

बिजली की संकट से अधिक क्षति किसानों को हो रही है। माहिल के एक किसान ने बताया कि बारिश के अच्छे ढंग से न होने से खेती कार्य भी प्रभावित होने लगा है। वहीं बिजली की जरूरत जब होनी चाहिए तब बिजली उपलब्ध नहीं रहती है। ऐसे में बागान बारी का काम रुक जाता है। वहीं अन्य किसान ने बताया कि बगान बारी के लिए अलग से कनेक्शन लिया गया है। लेकिन वह भी बेकार ही है। लाईन स्थिर नहीं रहती है। ऐसे में काम सुचारू रूप से कैसे होगी। लेकिन बिजली विभाग बिल बकाया होने पर कनेक्शन काटने एवं फाईन वसूलने के लिए नोटिस जारी कर देते हैं। वहीं भुगतान नहीं करने पर केस दर्ज कर दिया जाता है।

जेम्स कुजूर कार्यपालक अभियंता

वैसे तो जिला में 45 मेगावाट की जरूरत है। लेकिन ग्रिड से ही बिजली कम मिलने के कारण ही सभी फीडर को मैनेज करने पड़ता है। सभी जगह में समान रूप से बिजली का संचालन करना काफी मुश्किल होता है। जिला में बारह सबस्टेशन हैं। फिलहाल शहर में पांच और ग्रामीण क्षेत्र में एक मेगावाट बिजली से संचालन किया जा रहा है।

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