अंतर जिला स्थानांतरण के लिए फर्जी मेडिकल रिपोर्ट दे रहे शिक्षक
स्वास्थ्य और दिव्यांगता की गलत रिपोर्ट दे रहे शिक्षक, शिक्षा विभाग में आया मामला, जांच के आदेश, आवेदनों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट मांगी गई

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट दे रहे हैं। शिक्षक फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र और फर्जी मेडिकल रिपोर्ट दे रहे हैं। इसका खुलासा प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने किया है। राज्य में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण किया जाना है। इसके लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिये गए हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार रंजन ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि निदेशालय को यह तथ्य संज्ञान में आया है कि कुछ शिक्षकों की ओर से फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र या फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट रिपोर्ट के आधार पर अंतर जिला स्थानांतरण के लिए आवेदन दिया गया है।
ऐसे में जिला स्थापना समिति का यह दायित्व है कि हर मामले की गहन जांच करते हुए और आवेदन को स्वीकृत-अस्वीकृत करने का स्पष्ट कारण रिपोर्ट के साथ राज्य स्तरीय समिति को भेजें। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया कि सभी जिलों के ऑनलाइन आवेदन को जिला शिक्षा अधीक्षक के सत्यापन के बाद जिला स्थापना समिति का अनुमोदन प्राप्त कर राज्य स्तरीय समिति को भेजना था, लेकिन निर्धारित समय तक जामताड़ा और कोडरमा जिला की ओर से ही जिला स्थापना समिति के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन राज्य स्तरीय समिति को मिल सका है, बाकि जिलों से रिपोर्ट नहीं मिली, जो खेदजनक है। ऐसे में संबंधित सभी जिले जिला स्थापना समिति की बैठक कर शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण के ऑनलाइन आवेदन की जांच करते हुए राज्य स्तरीय समिति को भेजें।
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