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खूंटी में सबसे ज्यादा होते हैं हाथी और भालू के हमले

जिले में जंगली जानवर एवं आवारा पशु शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कितने हैं, इसकी कभी गणना नहीं हुई है। हालांकि जिले में आवारा पशु कम और जंगली...

खूंटी में सबसे ज्यादा होते हैं हाथी और भालू के हमले
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 19 Mar 2023 01:20 AM
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खूंटी, प्रतिनिधि। जिले में जंगली जानवर और आवारा पशु शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कितने हैं, इसकी कभी गणना नहीं हुई है। हालांकि, जिले में आवारा पशु कम और जंगली जानवरों का आतंक ज्यादा है। जिले में कर्रा, रनिया समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां जंगली भालू और हाथियों की संख्या बहुत अधिक है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खूंटी जिला में सबसे अधिक हाथी और भालूओं का आक्रमण ज्यादा होता है।

इन जंगली जानवरों की संख्या को नियंत्रित करने और इन्हें संरक्षित करने के लिए किसी प्रकार का अभियान अब तक नहीं चलाया गया है। सरकार और वन विभाग की ओर से एक जंगल से दूसरे जंगल भगाने का निर्देश दिया जाता है। लेकिन, उन्हें नियंत्रण करने की कोई पहल नहीं की जाती है। जंगली जानवरों का आक्रोशित होने का एक ही कारण है- उन्हें उनके खुद के घर से बेदखल किया जा रहा है। ऐसे में उनके पास आक्रोशित होने का कोई दूसरा कारण नहीं बन पाता है।

ऐसे में आम लोगों को हो रही परेशानियों का निवारण हेतु कई स्थानों पर विभाग की ओर से मदद भी की जाती है। विभाग की ओर से ऐसे स्थानों पर मोबिल, पटाखे समेत कई अन्य सामानों का वितरण किया जाता है। हाल ही के दिनों में जरियागढ़ रेंज पर जंगली जानवरों को भगाने के लिए कई तरह के सामानों का वितरण किया गया था।

हालांकि, खूंटी शहर में आवारा पशु से लोगों को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि आवारा पशु या जंगली जानवर लोगों को नुकसान तब पहुंचाते हैं, जब उन्हें छेड़ा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों का मानना है कि लगातार जंगलों की कटाई एवं अवैध उत्खनन के कारण जंगली जानवर जंगलों से बाहर आकर खुले में विचरण करते हैं। जिन्हें लोग उकसा कर आक्रोशित कर देते हैं। इन्हीं कारणों के चलते जंगली पशु उग्र होकर आम लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।