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सरकारी स्कूलों में बच्चों को नहीं मिल रहा अंडा 

राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड डे मील में अंडा नहीं मिल रहा है। अंडा की जगह अधिकांश स्कूलों में बच्चों को फल (केला) दिया जा रहा है।  अंडा के लिए दी जाने वाली राशि कम होने और अप्रैल...

सरकारी स्कूलों में बच्चों को नहीं मिल रहा अंडा 
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीSat, 01 Sep 2018 05:45 PM
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राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड डे मील में अंडा नहीं मिल रहा है। अंडा की जगह अधिकांश स्कूलों में बच्चों को फल (केला) दिया जा रहा है। 
अंडा के लिए दी जाने वाली राशि कम होने और अप्रैल 2018 से राशि का भुगतान नहीं किये जाने की वजह से इसकी सरकारी स्कूलों में खरीदारी नहीं हो पा रही है। ऐसे में राज्य सरकार प्रति अंडा के लिए दी जाने वाली चार रुपए की राशि को बढ़ाकर छह रुपए करने की तैयारी कर रही है। 
चार की जगह छह रुपए देने का प्रस्ताव 
राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को प्रति अंडा चार रुपए की दर से देती है, लेकिन बाजार में अंडा पांच से छह रुपए में मिलता है। जाड़े में इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है। आंगनबाड़ी केंद्रों को अंडा के लिए छह रुपए की दर से राशि का भुगतान किया जाता है। ऐसे में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने आंगनबाड़ी की तर्ज पर सरकारी स्कूलों के बच्चों को अंडा देने के लिए छह रुपए की दर से राशि देने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसका भुगतान होगा।  
अंडे की जगह मिल रहा केला
झारखंड में 39,702 स्कूलों के 32 लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलता है। हर सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बच्चों को एक-एक उबला हुआ अंडा देने का प्रावधान है। जो बच्चे अंडा नहीं खाते हैं, उन्हें एक फल देना है। लेकिन, राज्यभर में अधिकांश स्कूलों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को अंडा की जगह केला दिया जा रहा है।  

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