Eastern Hematology Group s 9th Annual Conference in Ranchi to Address Blood Disorders रांची में पहली बार हिमेटोलॉजी पर कल से कॉन्फ्रेंस, Ranchi Hindi News - Hindustan
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रांची में पहली बार हिमेटोलॉजी पर कल से कॉन्फ्रेंस

रांची में 23 से 25 मई तक ईस्टर्न हिमेटोलॉजी ग्रुप का नौवां वार्षिक सम्मेलन होगा। इसमें खून से जुड़ी बीमारियों पर चर्चा होगी। 400 से अधिक डॉक्टर और 60 विशेषज्ञ इसमें भाग लेंगे। 24 मई को सिकल सेल मरीजों...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीWed, 21 May 2025 07:00 PM
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रांची में पहली बार हिमेटोलॉजी पर कल से कॉन्फ्रेंस

रांची, संवाददाता। ईस्टर्न हिमेटोलॉजी ग्रुप का नौवां वार्षिक सम्मेलन ईएचजी कॉन रांची में पहली बार 23 से 25 मई तक होगा। इसमें खून से जुड़ी बीमारियों और हिमेटोलॉजी क्षेत्र में हो रहे नए शोध व उपचार पद्धतियों पर चर्चा होगी। इसमें देशभर के रक्त विकार के इलाज से जुड़े 60 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक जुटेंगे। इसमें 400 से अधिक डॉक्टर, 100 से ज्यादा पीजी व रेजिडेंट डॉक्टर भी आएंगे। सदर अस्पताल के हिमेटोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक रंजन इस सम्मेलन के आयोजक सचिव हैं। जेनेटिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ अजय के महाल्का सह-संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं। दोनों ने रांची सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार के साथ प्रेसवार्ता में इस बारे में बुधवार को जानकारियां साझा कीं।

सिकल सेल रोग पर किया जाएगा जागरूक 24 मई को 150 सिकल सेल मरीजों के लिए स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रम होगा। इसके अलावा, सुबह वॉकथॉन का आयोजन किया जाएगा जिसमें झारखंड के सभी जिलों से 100 डॉक्टर शामिल होंगे। सम्मेलन में थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, ल्यूकीमिया, मायलोमा जैसे गंभीर रक्त विकारों पर चर्चा होगी। विशेषज्ञों की राय है कि इन बीमारियों की रोकथाम के लिए झारखंड में पूर्ण क्लीनिकल हीमैटोलॉजी विभाग और बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। झारखंड में खून की बीमारियों की स्थिति चिंताजनक डॉ अभिषेक ने बताया कि विशेषज्ञों के मुताबिक झारखंड में 15% से अधिक जनसंख्या जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर से पीड़ित हैं। कुछ क्षेत्रों में एनीमिया की दर 60% तक पहुंच चुकी है। खासकर सिकल सेल और थैलेसीमिया जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। सम्मेलन में यह मुद्दा भी उठेगा कि झारखंड को इस क्षेत्र में नेतृत्वकारी राज्य बनाया जाए, ताकि आने वाले वर्षों में यहां रक्त रोगों का बेहतर इलाज और रोकथाम संभव हो सके। सम्मेलन की प्रमुख गतिविधियां 50 से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति की जाएगी विशेषज्ञों द्वारा पैनल डिस्कशन और वर्कशॉप 100 डॉक्टरों द्वारा सिकल सेल कार्यशाला में भागीदारी डॉक्टरों, स्त्रीरोग विशेषज्ञों, हिमेटोलॉजिस्ट के बीच चर्चा 24 मई को सिकल सेल बीमारी पर वॉकथॉन भी होगा

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