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गले मिले न हाथ मिलाएं, बस दूर से ही कहें- ईद मुबारक

ईद उल फितर 13 मई या फिर 14 मई को मनायी जाएगी। इस बार ईद उल फितर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सादगी के साथ मनायी...

गले मिले न हाथ मिलाएं, बस दूर से ही कहें- ईद मुबारक
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 12 May 2021 03:03 AM
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रांची। शाहीन अहमद

ईद उल फितर 13 मई या फिर 14 मई को मनायी जाएगी। इस बार ईद उल फितर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सादगी के साथ मनायी जाएगी। ईदगाहों में ईद उल फितर की नमाज अदा नहीं की जाएगी। मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा की जाएगी। मुस्लिम समाज के लोग न तो गले मिलेंगे और न ही हाथ मिलकर ईद उल फितर की एक-दूसरे को मुबारकबादी देंगे। यह ऐलान अंजुमन इस्लामिया, एदारा ए शरीया और एकरा मस्जिद के इमाम व खतीब ने किया है। उलेमाओं ने लोगों से यह अपील की है कि ईद के दिन गले मिलने के बजाए बोलकर ईद की मुबारकबादी दें। यदि कहीं जमात में नमाज हो रही है तो एक सफ (पंक्ति) का गैप रखें और एक पंक्ति में नमाजी एक-एक मीटर की दूरी पर खड़े हों। कोरोना महामारी को हराने के लिए हम सभी को सावधानी बरतनी होगी। ईद खुशियों का त्योहार है, इसलिए इस अवसर पर हमें सब्र से काम लेना चाहिए। उलेमाओं ने यह भी कहा कि गले न मिले पर दिल मिलाएं रखिए।

जकात की रकम से गरीबों की करें मदद

जाफरिया मस्जिद के इमाम मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि जकात से गरीब बंदों, परेशान हाल बीमारों और मदरसों में खर्च करके सखावत का नमूना पेश करें। मुल्क व मिल्लत की तरक्की, मुल्क में अमन और शांति कायम हो। खास तौर से कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को निजात मिले, यह दुआ जरूर करें।

खुद को सुरक्षित रखते हुए मनाएं ईद

अंजुमन इस्लामिया के महासचिव हाजी मोख्तार अहमद ने कहा कि कोरोना का प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में हम सभी को एहतियात बरतना जरूरी है। डॉक्टरों की सलाह और कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। ईद की नमाज में मास्क पहन कर और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अदा करना जरूरी है। अंजुमन इस्लामिया लोगों से यह अपील करती है कि वे खुद को स्वस्थ व सुरक्षित रखते हुए ईद मनाएं।

न गले मिले और न ही करें मुसाफा

एदारा ए शरीया के महासचिव मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि एदारा ए शरीया झारखंड ने स्पष्ट कर दिया है कि ईद के दिन या आगे पीछे किसी से मुसाफा करना, गले मिलने से परहेज करें। किसी भी तरह के ईद मिलन समारोह पर भी रोक लगायी गई है। ईद बहुत ही सादगी के साथ मनाते हुए अपने आपको सुरक्षित रखें। समाज और देश को भी स्वस्थ्य रखते हुए कोरोना महामारी से निजात की दुआ करें। क्योंकि ईद का दिन खुशी का दिन है और दुआ कुबूल होने का दिन है।

पैगंबरे इस्लाम ने भी बवा आने पर परहेज करने का दिया है हुक्म

एकरा मस्जिद के इमाम व खतीब डॉ मौलाना ओबैदुल्लाह कासमी ने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम मोहम्मद सला. ने खुद उन बीमारियों से बचने और परहेज करने के लिए कहा है। कबीला बनू शकीफ के आए हुए तमाम प्रतिनिधियों से आपने हाथ मिला कर उनका स्वागत किया। पर प्रतिनिधि में शामिल उस व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाया, जो बरस कोढ़ह की बीमारी में मुत्तला था। इससे पता चला कि कब हाथ मिलाना है और किससे नहीं मिलाना है इस परिस्थिति को जानना भी सुन्नत है। कोरोना महामारी की स्थिति में हमें इस हदीस से यह प्रेरणा मिलती है कि ईद के अवसर पर गले मिलने और हाथ मिलाने से परहेज किया जाए।

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