दस्तावेजों में हेरा फेरी कर बेच दी 250 एकड़ सरकारी जमीन
रांची में जमीन के दस्तावेजों में हेरा- फेरी कर करीब 250 एकड़ जमीन गलत तरीके से बेच दी गयी है। इसमें सरकारी और आदिवासी जमीन शामिल हैं। पुंदाग,हटिया और हेहल इलाके में यह फर्जीवाड़ा हुआ है। जिला प्रशासन...
गलत हस्ताक्षर किए गए
सरकारी जमीन की बंदोबस्ती का आधार नहीं बताया
रांची में जमीन के दस्तावेजों में हेरा- फेरी कर करीब 250 एकड़ जमीन गलत तरीके से बेच दी गयी है। इसमें सरकारी और आदिवासी जमीन शामिल हैं। पुंदाग,हटिया और हेहल इलाके में यह फर्जीवाड़ा हुआ है। जिला प्रशासन की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच में मूल दस्तावेज के पन्ना फाड़ने, ओवर राइटिंग करने और गलत हस्ताक्षर की बात सामने आयी है। मूल पेज फाड़ कर उसमें फर्जी पेज साटने का मामला भी सामने आया है। प्रशासन ने आगे की कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट भू राजस्व विभाग को भेज दी है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार जमीन दलालों ने सरकारी कर्मचारियों के सहयोग से दस्तावेज में बदलाव किये। इसके लिए सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की गई। मात्र तीन दस्तावेजों के सहारे हेहल अंचल के पुदांग और बाजरा मौजा की 113.38 एकड़ गैरमजरूआ जमीन की अवैध बंदोबस्ती और बिक्री कर दी गई। इसी प्रकार हटिया में भी करीब 1590 एकड़ जमीन दस्तावेजों में गड़बड़ी कर बेची गयी है।
कहां का है मामला
हेहल अंचल स्थित पुदांग और बाजरा मौजा की जमीन की बिक्री के लिए सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर सबसे पहले गैरमजरूआ जमीन की बंदोबस्ती करायी गयी। इसके बाद प्लॉटिंग कर जमीन की बिक्री की गई।
बंदोबस्ती का आधार नहीं बताया
गैरजमरूआ जमीन की बंदोबस्ती करने का आधार पर सरकारी दस्तावेजों में नहीं है। गैरमजरूआ जमीन की जब किसी को बंदोबस्ती की जाती है, तो उसका आधार बताना पड़ता है और दस्तावेज में इसे अंकित भी करना पड़ता है।