बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारे से गुंजायमान रहे शिवालय
रांची में सावन माह की पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं ने शिवालयों में जलाभिषेक किया। लगभग एक लाख भक्तों ने पूजा की, महिलाओं ने पूजा सामग्री खरीदी, और मंदिर परिसर में मेला लगा। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद...

रांची, प्रमुख संवाददाता। अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले महादेव के मंगलकारी महामंत्रों के साथ सावन माह की पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं ने शहर के शिवालयों में बाबा का जलाभिषेक किया। महादेव की पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने बिल्व पत्र, भांग, धतूरा, फल और प्रसाद अर्पित किए और परिवार-समाज के लिए मंगल कामना की। रांची पहाड़ी मंदिर में सुबह तीन से शाम पांच बजे तक लगभग एक लाख शिव भक्तों ने पूजा-अर्चना की। वहीं, शहर के अन्य इलाकों के शिवालयों में भी पहली सोमवारी की धूम रही। स्त्री, पुरुष, बच्चों और बुजुर्गों ने शिवलिंग पर जल अर्पण किया और श्रद्धाभाव के साथ पूजा की।
कई स्थान पर धार्मिक अनुष्ठान एवं महारुद्राभिषेक हुआ। शाम में मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। जयकारे के साथ कावंरिया पहुंचे पहाड़ी मंदिर नामकुम स्वर्णरेखा नदी तट से जल लेकर सोमवार भोर 3 बजे सैकड़ों कावंरिए पहाड़ी मंदिर पहुंचे। भोर की सरकारी पूजा में खनन विभाग के निदेशक राहुल कुमार सिन्हा एवं सदर एसडीओ उत्कर्ष कुमार शामिल हुए। इसके बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खुला। पट खुलते ही कावंरियों ने बोल-बम के जयकारे के साथ शिखर पर स्थित पहाड़ी बाबा को जल चढ़ाया और पूजा की। यहां सात फीट के चार अरघा से जलाभिषेक की सुविधा बहाल की गई थी। इधर, सुबह आठ बजे के बाद शहर के गली-मुहल्लों से समूह में निकली महिलाओं और युवतियों ने पहाड़ी बाबा की पूजा की। अनुमान के मुताबिक शाम पांच बजे मंदिर तक एक लाख श्रद्धालु जल चढ़ा चुके थे। वहीं, रात में शिखर स्थित मुख्य मंदिर में बाबा का 54 किलो चांदी से तैयार सामग्री से विशेष शृंगार हुआ। रंग-बिरंगे फूलों से सजे बाबा के दरबार में नयनाभिराम झांकी प्रस्तुत की गयी। भक्तों ने भोलेनाथ को भोग निवेदित किया। पुरोहितों द्वारा महाआरती के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। संयमित रहे श्रद्धालु, चाक-चौबंद थी व्यवस्था सोमवारी पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए पहाड़ी मंदिर पहुंचे हैं। पहाड़ी मंदिर विकास समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर स्तर पर प्रयास किया गया था। श्रद्धालु संयमित तरीके से मंदिर के पश्चिमी छोर पर बनी सीढ़ियों से शिखर तक पहुंचे और कतारबद्ध होकर पूजा की। मंदिर में भीड़ नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था बहाल रखने के लिए कई मजिस्ट्रेट समेत बड़ी संख्या में पुलिस के जवान ड्यूटी पर तैनात थे। शिखर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। सादे लिबास में भी पुलिसकर्मी तैनात थे। सुखदेवनगर थाना की ओर से इलाके में लगातार गश्त की जाती रही। सीढ़ियों के अलावा मंदिरों में लगे 48 सीसीटीवी से कंट्रोल रूम में बैठे अफसर स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए थे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सेवा सह सहायता शिविर भी लगाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के अलावा खोया-पाया की सूचना प्रसारित करने का इंतजाम किया गया था। जलाभिषेक के लिए पानी की व्यवस्था शिखर मंदिर के समीप भक्तों को जलाभिषेक के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा था। प्लास्टिक के लोटे में मंदिर समिति से जुड़े स्वयंसेवक भक्तों को पानी दे रहे थे। वापसी में उनसे लोटा वापस ले लिया जा रहा था। जलाभिषेक के लिए पानी की व्यवस्था देख भक्त गदगद थे और सभी इस सुविधा की सराहना कर रहे थे। नागवंशी आदिवासी सेवादार भी पहुंचे नागवंशी आदिवासी बुधुवा पाहन के परिजन समूह में मंदिर पहुंचे थे। सभी रातू के बाजपुर हिसरी गांव से यहां आए थे। करीब 50 की संख्या में आए नागवंशी आदिवासी सेवादार शिखर मंदिर के समीप नाग देवता के समीप व्यवस्था देख रहे थे। वहीं, दूसरे शहरों से भी शिव भक्तों की टोली बैंड-बाजा के साथ जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुंची थी। मंदिर परिसर में लगा मेला पहली सोमवारी पर मंदिर परिसर में मेला लगा। परिसर में सजी दुकानों से महिलाएं साज-शृंगार का सामान खरीदती दिखीं। वहीं, बच्चों ने खिलौने और जरूरतों के सामानों की खरीदारी की। परिसर के आसपास पूजा सामग्री एवं प्रसाद की दर्जनों दुकानें लगी हुई थीं। वाहनों का प्रवेश वर्जित रहा जलाभिषेक के दौरान मंदिर के आसपास के प्रमुख मार्ग एवं लूप लाइनों से वाहनों का प्रवेश वर्जित रहा। रातू रोड मुख्य मार्ग से पहाड़ी मंदिर लेन, हरमू रोड के बानो मंजिल लेन, कमलाकांत सहाय लेन से छोटे-बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित था। मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर आवागमन सुविधाजनक बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। इन शिवालयों में भी जलाभिषेक दूसरी सोमवारी के मौके पर शिवालयों में विशेष अनुष्ठान हुए। कोकर शिव मंदिर, पिस्का मोड स्थित विश्वनाथ मंदिर, चुटिया प्राचीन श्रीराम मंदिर परिसर में शिवालय, हिनू के शिवपुरी स्थित महामृत्युंजय महादेव मंदिर, डोरंडा के जैप एक परिसर में स्थित त्रिपुरेश्वर महादेव मंदिर में गोरखा समाज की ओर से विशेष अनुष्ठान हुए। हिनू के न्यू एजी पीएचडी कॉलोनी परिसर में मनोकामना वाले महादेव मंदिर, अरगोड़ा बस्ती के बूढ़ा महादेव मंदिर, चुटिया के महादेव स्थल पर शिव भक्तों ने जल एवं दूध से अभिषेक किया। हटिया गुड्स शेड परिसर में बाबा हटेश्वरनाथ मंदिर, कोकर चौक स्थित वीर हनुमान मंदिर में शिवलिंग पर दूध एवं जल से अभिषेक कर भक्तों ने पूजा-अर्चना की।

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