सफाई मजदूरों को जीपीएस बैंड लगाने का फैसला अमानवीय : ऐक्टू
मई दिवस से पूर्व रांची नगर निगम द्वारा सफाई मजदूरों को जीपीएस बैंड लगाने का निर्णय श्रमिकों की मर्यादा के खिलाफ...

रांची। मई दिवस से पूर्व रांची नगर निगम द्वारा सफाई मजदूरों को जीपीएस बैंड लगाने का निर्णय श्रमिकों की मर्यादा के खिलाफ है। ऐक्टू की झारखंड राज्य कमेटी ने इस फैसले की निंदा की है। सफाई मजदूरों को जीपीएस बैंड लगाकर उनके काम की निगरानी करना आमानवीय फैसला है। यह फैसला श्रम कानूनों का उल्लंघन भी है।
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेन्दु सेन और सफाई मजदरों के नेता भुवनेश्वर केवट ने कहा की सफाई कर्मचारियों में अधिकांश दलित व आदिवासी लोग हैं। ऐसे में जीपीएस बैंड लगाने का निर्णय उन्हें अपमानित करने वाला है। निगम का यह निर्णय उनके कर्मचारी और मजदूर विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। श्रम संगठनों, प्रगतिशील, सामाजिक-राजनीतिक संगठनों और नागरिकों से ऐक्टू निगम के निर्णय का विरोध करने की भी अपील की। शहर की बेहतर सफाई व्यवस्था के लिए मजदूरों पर जेपीएस बैंड का दबाव के बजाय सफाई कर्मचारियों के सम्मानजनक मानदेय, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी किया जाना चाहिए। सफाई कार्य के नाम पर कंपनियों द्वारा जनता के पैसे की लूट पर अंकुश लगाकर सफाई मजदूरों को बेहतर सुविधा देकर ही शहर की बेहतर सफाई की गारंटी किया जा सकता है।