बीएयू में शोध परियोजनाओं के संचालन पर संकट
रांची। प्रमुख संवाददाता बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर), नई दिल्ली...

रांची। प्रमुख संवाददाता
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर), नई दिल्ली से वित्त संपोषित 31 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाएं (एआईसीआरपी) चलाई जा रही हैं। जिसे क्षेत्र विशेष की कृषि समस्याओं पर आधारित शोध कार्यक्रमों के माध्यम से क्षेत्र विशेष के उपयुक्त तकनीकी का विकास व अनुशंसा करनी होती है। गत वर्षो में राज्य सरकार से अनुदान राशि प्राप्ति की प्रत्याशा में विश्वविद्यालय की ओर से अन्य स्रोतों की राशि से खर्च कर अनुसंधान कार्यक्रमों का संचालन तो किया गया। लेकिन बीएयू की ओर से इस मद में राज्य सरकार से राशि की मांग नहीं की गई। वहीं, वर्षों से राज्य सरकार की ओर से इन परियोजनाओं की 25 प्रतिशत राज्यांश की पूरी राशि नहीं दी गई, जिससे आईसीएआर संपोषित परियोजनाओं में स्वीकृत राशि में परियोजनाओं की अवशेष राशि लगातार बढ़ती गई।
पिछले दिनों बीएयू की 41वीं अनुसंधान परिषद् की बैठक में निदेशक अनुसंधान डॉ अब्दुल वदूद ने कृषि सचिव के समक्ष आईसीएआर-एआईसीआरपी शोध परियोजनाओं पर संकट का मुद्दा उठाया। समाधान के लिए बीएयू को एकमुश्त करीब 10 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मुहैया कराने का अनुरोध किया। डॉ अब्दुल वदूद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत तक आईसीएआर परियोजनाओं में अवशेष राशि 9-10 करोड़ तक हो गई है। हाल में आईसीएआर, नई दिल्ली से विश्वविद्यालय को पत्र मिला है, जिसमें सभी एआईसीआरपी परियोजनाओं की अवशेष राशि को वापस करने को कहा गया है। बीएयू राज्य सरकार के अनुदान से चलता है और अनुमानित करीब 10 करोड़ की अवशेष राशि की वापसी में विश्वविद्यालय पूरी तरह असमर्थ है। इधर आईसीएआर शोध परियोजनाओं में स्वीकृत राशि निर्गत नहीं कर रहा है और अवशेष राशि वापसी के बाद ही सभी एआईसीआरपी परियोजनाओं में वित्तीय सहायता देने की बात कही है।
इसके कारण शोध परियोजनाओं के संचालन में बीएयू को कठिनाई हो रही है। विगत वर्ष इन परियोजनाओं के शोध की बदौलत विश्वविद्यालय को 9 फसलों की 12 किस्मों को विकसित करने में सफलता मिली। दशकों बाद विश्वविद्यालय की नई फसल किस्मों को स्टेट वेरायटल रिलीज कमेटी व सेंट्रल वेरायटल रिलीज कमिटी से अनुमोदन मिला है। इन नई किस्मों का स्टेट सीड चेन को गतिशील बनाये रखने में एआईसीआरपी शोध परियोजनाओं बड़ी भूमिका होनेवाली है। परियोजनाओं के अधीन क्षेत्र के उपयुक्त चार अन्य नई फसल किस्मों को भी रिलीज के लिए हेतु चिन्हित किया गया है, जिसे जल्द ही स्टेट वेरायटल रिलीज कमेटी की अनुशंसा के लिए भेजा जाएगा।
