
एसआईआर वापस हो, डिजिटल रिकॉर्ड दे चुनाव आयोग : भाकपा माले
संक्षेप: मतदाता सूची की गड़बड़ियों के खिलाफ भी चुनाव आयोग को ज्ञापन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के समक्ष सभा का आयोजन
रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) वापस लेने, डिजिटल रिकॉर्ड देने और मतदाता सूची की गड़बड़ियों के खिलाफ भाकपा माले द्वारा सोमवार को चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया गया। इस दौरान माले सहित अन्य संगठनों से जुड़े सैंकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पहले विरोध मार्च कर चुनाव आयोग तक जाने का कार्यक्रम था, लेकिन बारिश के कारण यह नहीं हो सका। हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के समक्ष सभा हुई और उसके बाद ज्ञापन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में चुनाव प्रक्रिया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गहरे सवाल उठ रहे हैं। खासकर जब से केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाकर चुनाव आयोग के चयन की प्रक्रिया में मुख्य न्यायाधीश की जगह गृह मंत्री को शामिल किया गया है।

बिहार चुनाव से ठीक पहले एसआईआर की प्रक्रिया में तकरीबन 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। उन सबके नाम हटाने के कारण को सार्वजनिक नहीं करना, मतदाताओं के मन में गहरी आशंका पैदा करता है। प्रतिनिधिमंडल में भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भक्त, पोलित ब्यूरो सदस्य हलधर महतो, भूतपूर्व विधायक विनोद सिंह, भूतपूर्व विधायक राजकुमार यादव, आरवाईए महासचिव नीरज कुमार, गिरिडीह जिला सचिव अशोक पासवान, रामगढ़ जिला सचिव हीरा गोप सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे। यह जानकारी भाकपा माले के राज्य कार्यालय स्थित पार्टी नेता त्रिलोकी नाथ ने दी। ज्ञापन के माध्यम से इन मांगों को उठाया गया - बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को वापस लिया जाए। - डिजिटल उपकरणों के लिए पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध करायी जाए। - विगत चुनावों में फर्जी मतदाताओं के पंजीकरण से संबंधी जो भी सवाल उठ रहे हैं, आयोग उसका स्पष्टीकरण दे। - मतदान के सीसीटीवी फुटेज के लिए 45 दिनों के समय की बाध्यता हटायी जाए और उपलब्ध करायी जाए।

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