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कोरोना : पीजी दाखिले में देर होने पर बतौर रेजीडेंट काम करेंगे पुराने छात्र

कोरोना संकट को देखते हुए एमसीआई ने मेडिकल कॉलेजों में पीजी छात्रों से सत्र समाप्ति के बाद भी काम लेने का निर्णय लिया है। जब तक पीजी नए सत्र में दाखिला नहीं हो जाता फाईनल ईयर के छात्र रेजीडेंट डॉक्टर...

कोरोना : पीजी दाखिले में देर होने पर बतौर रेजीडेंट काम करेंगे पुराने छात्र
हिन्दुस्तान टीम,रांचीTue, 14 Apr 2020 07:26 PM
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कोरोना संकट को देखते हुए एमसीआई ने मेडिकल कॉलेजों में पीजी छात्रों से सत्र समाप्ति के बाद भी काम लेने का निर्णय लिया है। जब तक पीजी नए सत्र में दाखिला नहीं हो जाता फाईनल ईयर के छात्र रेजीडेंट डॉक्टर के रूप में सेवा देंगे। इसके लिए उन्हें पहले से मिल रहा स्टाईपंड का भुगतान भी किया जाएगा। एमसीआई द्वारा सभी राज्य सरकार को इस आशय का पत्र लिखे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने रिम्स, रांची, एमजीएम, जमशेदपुर और पीएमसीएच, धनबाद को पत्र लिखकर इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। राज्य में हर साल 190 सीटों पर दाखिलाराज्यों को भेजे गए पत्र में एमसीआई ने कहा है कि पीजी मेडिकल की फाइनल ईयर की परीक्षा में कोरोना संकट के कारण देरी हो रही है। जिसके कारण नए पीजी मेडिकल स्टूडेंट (सत्र 2020-21) के एडमिशन में भी देरी हो रही है। ऐसे में सत्र पूरा कर रहे पीजी स्टूडेंट की सेवा नहीं लिए जाने से मेडिकल कालेजों में रेजीडेंट डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। रिम्स में हर साल लगभग 185 पीजी छात्रों को एडमिशन होता है। जबकि, एमजीएम में लगभग आधा दर्जन छात्रों का दाखिला लिया जाता है। यदि कोरोना संकट लंबा चलता है और नए छात्रों के दाखिले से पहले पुराने छात्रों को रिलीव कर दिया जाता है तो डॉक्टरों की कमी हो जाएगी।रिम्स में 31 मई से सत्र प्रारंभहालांकि, रिम्स में पीजी का नया सत्र 31 मई से शुरू होता है, जबकि, पुराने सत्र को 30 मई को किया जाता है। ऐसे में कोराना संकट यदि मई के अंत तक जारी रहता है तभी पुराने सत्र के छात्रों की सेवा जारी रखने की जरूरत पड़ेगी।

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