कोरोना संक्रमित विद्यार्थी बाद में भी प्रैक्टिकल परीक्षा में हो सकते हैं शामिल
जैक बोर्ड के 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों प्रैक्टिकल परीक्षा शुरू हो चुकी है। कई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित होने की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं...
रांची। संवाददाता
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड के 10वीं और 12वीं के परीक्षार्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षा शुरू हो चुकी है। कई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित होने की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे परीक्षार्थियों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। वे बाद में भी प्रैक्टिकल परीक्षा दे सकते हैं। जैक की ओर से उनके लिए उचित व्यवस्था किए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय जैक की परीक्षा समिति ही लेगी।
जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार, वैसे विद्यार्थी जो संक्रमण के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे, उनके लिए परीक्षा देने की व्यवस्था बाद में की जाएगी। संक्रमित बच्चों की दोबारा मेडिकल जांच कराई जाएगी, जांच में जो निगेटिव पाए जाएंगे, वे 27 अप्रैल तक चलनेवाली प्रैक्टिकल परीक्षा के बीच शामिल हो सकते हैं। इस संबंध में जैक के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि परीक्षा समिति बच्चों के हित को ध्यान में रखकर ही फैसला लेगी।
बच्चों के संक्रमित होने की सूचना देनी होगी
जैक अधिकारी ने बताया कि जो विद्यार्थी प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान कोरोना पॉजिटिव रहेंगे, उन्हें इसकी जानकारी स्कूल के जरिए जैक को देनी होगी। स्कूलों की ओर से बच्चों की सूची के साथ विशेष परीक्षा लेने के लिए आवेदन करना होगा। जैक की परीक्षा समिति इस मामले में स्थिति को देखते हुए निर्णय लेगी। हाल ही में जिला स्कूल, मारवाड़ी प्लस टू स्कूल समेत नामकुम और बुंडू के स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा देनेवाले कई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 31 मार्च को कई स्कूलों मे कोरोना की जांच कराई गई थी, जिसमें बच्चे पॉजिटिव पाए गए थे। हालांकि जिला स्कूल के बच्चों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
स्कूल चाहते हैं कि और बच्चों का टेस्ट हो
जिला स्कूल की प्राचार्या मंजुला एक्का ने कहा कि हमारे बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे और भी बच्चों के टेस्ट कराने की व्यवस्था हो, जिससे कि भय का माहौल परीक्षा में नहीं बने। उन्होंने कहा कि जिस दिन बच्चों की रिपोर्ट आई थी, उस दिन स्कूल में प्रवेश पत्र बांटे गए थे, जिस वजह से टेस्ट होना चाहिए। उधर अभिभावकों की चिंता यह है कि कोरोना के कारण कहीं बोर्ड की परीक्षा देने से बच्चे वंचित न रह जाए। हालांकि अभिभावकों की पहली चिंता कोरोना से सुरक्षा है।
सीबीएसई के बच्चों को देना होगा सर्टिफिकेट
सीबीएसई के विद्यार्थियों की भी प्रैक्टिकल परीक्षाएं चल रही हैं। सीबीएसई के कई स्कूलों के विद्यार्थी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सीबीएसई की ओर से कहा गया है जो बच्चे संक्रमित हैं और परीक्षा के दौरान ठीक नहीं होते हैं, तो अभिभावकों को स्कूल में बच्चे का कोरोना संक्रमण से संबंधित प्रमाण पत्र जमा करना होगा। इसके बाद स्कूल की ओर से प्राप्तांक के आगे ‘सी (कोरोना) लिख दिया जाएगा। बाद में सीबीएसई इस पर फैसला लेगी।