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कोरोना: शव को दूर से देखकर रोते बिलखते रहे परिजन

रिम्स में कोरोना मरीज की मौत की सूचना मिलते ही बदल गया रिम्स का माहौल कब्रिस्तानों में विरोध के बाद देर शाम तक एंबुलेंस में पड़ा रहा...

रिम्स में कोरोना मरीज की मौत की सूचना मिलते ही बदल गया रिम्स का माहौल कब्रिस्तानों में विरोध के बाद देर शाम तक एंबुलेंस में पड़ा रहा...
1/ 3रिम्स में कोरोना मरीज की मौत की सूचना मिलते ही बदल गया रिम्स का माहौल कब्रिस्तानों में विरोध के बाद देर शाम तक एंबुलेंस में पड़ा रहा...
रिम्स में कोरोना मरीज की मौत की सूचना मिलते ही बदल गया रिम्स का माहौल कब्रिस्तानों में विरोध के बाद देर शाम तक एंबुलेंस में पड़ा रहा...
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हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 12 Apr 2020 08:51 PM
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रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद रविवार को सुबह से रिम्स का माहौल बदला हुआ था। मंगलवार को पत्नी, बहु और बेटे पोतों के साथ रिम्स में उस बुजुर्ग (मृतक) के शरीर को किसी को छूने की इजाजत नहीं थी।

परिजन दूर से ही रोते रहे बिलखते रहे। नजदीक जाने के लिए तड़पते रहे, लेकिन प्रशासन ने किसी को पास जाने की अनुमति नहीं दी। रिम्स में कोरोना मरीज की मौत की जानकारी मिलने पर परिजनों और सुरक्षाकर्मी से लेकर रिम्सकर्मी तक के चेहरे पर भय दिख रहा था। खासकर ट्रॉमा सेंटर की स्थिति तो और भी खराब थी।

ट्रॉमा सेंटर में तैनात पुलिस और सुरक्षाकर्मी भी सेंटर से दूर-दूर खड़े थे। स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे बहुत से मरीज भी लौट गए। जो थे वह भी डरे हुए थे। दोपहर 12 बजे के करीब जब शव को अंदर से निकालकर एंबुलेंस में रखा गया, तो जो लोग खड़े थे, वे भागने लगे। हालांकि, बॉडी को एक सुरक्षित पैकेट में पूरी तरह पैक कर एंबुलेंस में लादा गया। मृतक के परिजनों को भी बॉडी के पास जाने की अनुमति नहीं थी।

मृतक का आठ साल का पोता और उनके बेटे दूर से ही शव को निहार कर बिलख रहे थे।

कब्रिस्तानों में विरोध के बाद देर शाम तक एंबुलेंस में पड़ा रहा शव

कोरोना सेंटर में भर्ती बुजुर्ग की मौत रविवार को सुबह 9:05 में हुई थी। लगभग तीन घंटे बाद शव को बाहर एंबुलेंस में रखा गया। लेकिन शव को दफनाने को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कब्रिस्तान तय नहीं हो पा रहा था। इस कारण देर शाम तक शव ट्रॉमा सेंटर के बाहर ही रखा रहा। 12 बजे सूचना मिली कि शव को बड़गाई स्थित कब्रिस्तान में मिट्टी दिया जाएगा। उसके बाद पता चला जोड़ा तालाब में, फिर वहां भी विरोध होने के बाद रातू रोड के कब्रिस्तान ले जाने की बात चली। दो घंटे बैठक के बाद वहां ले जाने पर सहमति बनी। लेकिन स्थानीय लोगों ने वहां भी विरोध कर दिया। जिसके कारण ट्रॉमा सेंटर परिसर में ही एम्बुलेंस में शव पड़ा रहा।

पीपीई किट पहनकर भटकते रहे परिजन

प्रशासन की ओर से किसी को भी शव के पास जाने की अनुमति नहीं थी। जब शव को दफनाने के लिए ले जाने की बात चली तो मृतक के बेटों को भी शामिल होने से भी मना कर दिया गया। क्योंकि उनके बेटे भी कोरोना पॉजिटिव हैं। सभी रिम्स में भर्ती हैं। लेकिन परिजनों द्वारा विरोध करने के बाद जिला प्रशासन द्वारा पीपीई किट पहनाकर उन्हें शामिल होने की अनुमति दी गई। इसके बाद बेटे व पोते को पीपीई किट पहनाया गया। देर शाम तक ये लोग पीपीई किट पहनकर कभी ट्रॉमा सेंटर के अंदर तो कभी एंबुलेंस के पास आते जाते रहे। परिजनों से फोन पर बात करते रहे।

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