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कोरोना- सूबे में पॉजिटिव मिली महिलाओं में 40 प्रतिशत गर्भवती

संक्रमित 58 महिलाओं में 18-50 वर्ष तक की 41 महिलाएं, जिसमें 21 गर्भवती या प्रसूतासंक्रमित 58 महिलाओं में 18-50 वर्ष तक की 41 महिलाएं, जिसमें 21 गर्भवती या प्रसूता 04 बच्ची, 04 युवती एवं 09 की उम्र...

कोरोना- सूबे में पॉजिटिव मिली महिलाओं में 40 प्रतिशत गर्भवती
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 21 May 2020 07:05 PM
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झारखंड में गर्भवती महिलाओं पर कोरोना का असर ज्यादा देखा जा रहा है। अब तक संक्रमित मिली कुल महिलओं में जहां 36 प्रतिशत महिलाएं गर्भवती पाई गई हैं। वहीं उम्रवार विश्लेषण किया जाए तो 51 प्रतिशत महिलाएं ऐसी मिली हैं, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान संक्रमण हुआ है। आंकड़ों की बात करें तो अब तक मिले 290 पॉजिटिव मरीजों में से महिलाओं की संख्या 58 (एक की मौत) है। जिसमें से 09 महिलाओं की उम्र 51 वर्ष से अधिक है। जबकि, 04 की उम्र 10 वर्ष से कम है। वहीं 10 वर्ष से अधिक उम्र की 04 युवती भी है। जबकि गर्भधारण के योग्य 18 से 50 वर्ष तक की कुल 41 महिलाएं पॉजिटिव हैं। इस 41 महिलाओं में 21 महिलाएं ऐसी हैं, जो गर्भावस्था के दौरान संक्रमित हुई हैं। यानी 51 प्रतिशत महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कोरोना के संक्रमण की शिकार हुई हैं।21 में 9 महिलाओं को सुरक्षित प्रसव, बच्चे में संक्रमण नहींराज्य में अब तक संक्रमित पाई गई 58 में से 40 केवल रांची की हैं। गर्भवती 21 महिलाओं में भी सर्वाधिक 16 रांची की हैं। जबकि शेष जिलों में महज पांच महिलाएं हैं। संक्रमित 21 में से 09 महिलाओं का प्रसव हो चुका है। 12 गर्भवती हैं। प्रसव के बाद हजारीबाग में दो महिलाएं जहां इलाजरत हैं। वहीं रिम्स में इलाज के बाद चार महिलाओं को बच्चे के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं तीन प्रसूता नवजात के साथ रिम्स के कोविड केयर सेंटर में इलाजरत हैं। काविड 19 के नोडल अफसर डॉ ब्रजेश मिश्रा कहते हैं कि अभी तक संक्रमित मां से जनम लेने वाले किसी भी नवजात में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है। 12 गर्भवती में से 09 गर्भवती का इलाज भी रिम्स में ही हुआ है। जिसमें से पांच की छुट्टी भी हो चुकी है। क्या कहते हैं चिकित्सककोरोना टास्क फोस के सदस्य रिम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ जेके मित्रा कहते हैं गर्भवती औरतें पहले 12 हफ्तों के दौरान कोरोना के लिए हाई रिस्क श्रेणी में आती हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार अभी ये पक्का नहीं हो सका है कि प्रेगनेंट औरतों पर आम लोगों की अपेक्षा कोरोना का खतरा ज्यादा होता है। लेकिन, चूंकि उनका इम्यून सिस्टम उस दौरान ज्यादा संवेदनशील होता है इसलिए उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अब तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि कोरोना का वायरस मां के गर्भ से बच्चे में या प्रसव के बाद मां से बच्चे में चले जाते हैं। अब तक ब्रेस्टमिल्क या एम्नियोटिक फ्लूइड में ये वायरस नहीं देखा गया है। चार्टसंक्रमण 10 वर्ष से कम 11-30 वर्ष 31-50 वर्ष 51-70 वर्ष 70 वर्ष से अधिकमहिलाएं 04 38 07 08 01स्वस्थ 04 20 06 05(1 मौत) 00

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