जगत के उद्धार को आए यीशु, कैरोल गीत से गूंज उठी रांची
रांची में आज क्रिसमस का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। चर्चों को खूबसूरती से सजाया गया और कैरोल गाए गए। बाजारों में भी रौनक देखी गई, जहां लोग पर्व की तैयारी कर रहे थे। आध्यात्मिक अनुष्ठानों में लोगों ने...

रांची, वरीय संवाददाता। आज एक बालक जन्मा है, जो संसार का राजा है, ग्लोरिया-ग्लोरिया... जैसे कई कैरोल गीत प्रभु यीशु के जगत में आने के सम्मान में गाए गए। इसके साथ ही मंगलवार को क्रिसमस का आगाज हुआ। शाम से कैरोल सर्विस के साथ क्रिसमस पूर्व धार्मिक विधि पूरी की गई। जो पुण्य रात की विशेष मिस्सा व आराधना तक चली। क्रिसमस को लेकर रांची के सभी चर्च को आकर्षक रूप से सजाया गया था। आंतरिक सज्जा के अलावा बाहर में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई थी। कहीं, क्रिसमस ट्री से सजाया गया था तो कही यीशु मसीह के जन्म की झांकी को चरनी के माध्यम से प्रदर्शित की गई। क्रिसमस को लेकर सभी ईसाई बहुल मोहल्लों में भी सजावट की गई। साथ ही लोग नागपुरी, हिंदी व अंग्रेजी में क्रिसमस आधारित गीतों को बजा रहे है।
इसके अलावा रांची के बाजारों में भी काफी उल्लास दिखा। दोपहर और शाम में लोग जन्म पर्व की तैयारी के लिए अपने जरूरत की सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में उमड़े। जिससे बाजारों में रौनक भी काफी थी। साथ ही ग्राहकों को रिझाने के लिए कई दुकानदारों से अपने दुकानों के बाहर क्रिसमस आधारित चिन्ह क्रिसमस ट्री, स्टार, सांता क्लॉज के टेडी से भी सजावट किए थे। दिनभर खरीदारी करने के बाद जैसे ही शाम हुई। लोग सपरिवार चर्च की तरफ रुख किए और आध्यात्मिक तौर पर ईसा मसीह के जन्म उत्सव बनाने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों में शरीक हुए। ठंड होने पर मसीहियों के उल्लास में किसी तरह की कमी नहीं रही।
शाम से ही रांची के बड़े हिस्से में क्रिसमस का उल्लास देखने को मिला और पूरी रांची क्रिसमस के माहौल में ढल गई। दूसरी ओर झारखंड सरकार की पहल पर कला-संस्कृति कला खेलकूद पर्यटन विभाग के द्वारा रांची के तीन चर्च परिसर इलाकों में आकर्षक विद्युत सजा की गई थी। जिसके कारण पूरी रांची क्रिसमस के माहौल में ढल गया था। इस वजह से शाम से ही लोगों की आवाजाही ज्यादा शुरू हो गई थी।
संत मरिया महागिरजाघर
रात 10 बजे
मसीही विश्वास है कि बेतलहम में प्रभु यीशु का आधी रात हुआ था जन्म : आर्च बिशप
रांची।
डॉ कामिल बुल्के पथ स्थित संत मरिया महागिरजाघर में आर्च बिशप विंसेंट आइंद ने कहा कि आज जागरण करते हुए बालक यीशु का स्वागत करने के लिए हम लोग आए है। मसीही विश्वास है कि बेतहलम में रात में प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। जैसा चरवाहे जागरण कर रहे थे और उन्हें संदेश मिला कि जगत में एक उद्धारकर्ता का जन्म हुआ है। वे उसे देखने के लिए व्याकुल हो उठे। यह संदेश उन्हें दूतों के द्वारा दी गई थी और उसे देखने के लिए निकल पड़े। उसी तरह हमें भी जागरण करते हुए जागते रहना है। ताकि प्रभु यीशु के आगमन से हम चूक न जाए। जागरण का मतलब सिर्फ जागना नहीं है वरन अपने जीवन को अच्छा बनाना है। आर्च बिशप ने कहा कि प्रेम, भाईचारगी से जागे रहना ही मूल विषय हैं। मिस्सा अनुष्ठान से पूर्व आर्च बिशप ने चरनी की आशीष की और बालक रूपी प्रभु यीशु की मूर्ति को चूमते हुए अपनी आस्था व प्रभु के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया।
संत पॉल्स कैथेड्रल चर्च
रात 11.30 बजे
क्रिसमस का पर्व परिवर्तन का संदेश देता है : बिशप बास्के
रांची। बहुबाजार स्थित संत पॉल्स कैथेड्रल चर्च में अर्द्धरात्रि प्रभु भोज अनुष्ठान बिशप बीबी बास्के के द्वारा पूरी की गई। उन्होंने कहा कि ईश्वर के पुत्र यीशु का जन्म हुआ है। क्रिसमस का पर्व परिवर्तन का संदेश देता है। परिवर्तन का अर्थ है कि खुद को बदलना। इस परिवर्तन का आशय यह भी कि प्रेम के साथ रहना है और भविष्य की ओर देखना हैं। यीशु संदेश देते है कि बुराई में न फंसे। साथ ही ईश्वर ने जीवन जीने का राह दिखाया है। उसमें हम सभी को आगे बढ़ते जाना हैं। हम पूर्व में जितने भी पाप में रहे, परंतु ईश्वर अवसर दिया है कि इस क्रिसमस बुराई छोड़कर परमेश्वर की ओर आगे बढ़े। पूर्व में शाम में कैरोल सर्विस हुई। मौके पर रेव्ह जें भेंगरा, रेव्ह वी कुजूर, रेव्ह एस पूर्ति, रेव्ह यूजे सांगा, रेव्ह जे भुईंया सहित अन्य मौजूद थे।
क्राइस्ट चर्च
शाम 5.30 बजे
ईसा के जन्म से पूर्व जो बातें कही गई, उसे पूरा किया गया : मॉडरेटर
रांची। मेन रोड स्थित क्राइस्ट चर्च में जीईएल चर्च कलीसिया के लिए पुण्य रात की आराधना हुई। मॉडरेटर मॉर्शल केरकेट्टा ने कहा कि जन्म से पूर्व जो बातें कही गई थी। उसे प्रभु यीशु ने पूरा किया। कहा गया था कि सर्व सामर्थी, उद्धारकर्ता जन्म लेगा और तीनों को प्रभु ने अपने कर्मो से चरितार्थ किया। स्वर्गदूतों ने चरवाहों को सूचना दी कि ईश्वर का पुत्र जन्म लिया है। यह आलौकिक घोषणा थी। ताकि धरती में सभी मनुष्यों को शांति और स्वर्ग में परमेश्वर को महिमा मिले। मॉडरेटर ने कहा कि आज ईसाई के लिए क्रिसमस विशेष पर्व है। ईश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया। जिसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया। मौके पर एन गुड़िया सहित अन्य मौजूद थे।
ख्रीस्त गिरजाघर
शाम 7.30 बजे
विशेष उद्देश्य के लिए स्वर्ग से आए प्रभु : आर्च बिशप टोप्पो
रांची। एनडब्ल्यू जीईएल चर्च के लिए ख्रीस्त गिरजाघर में पुण्य रात की आराधना हुई। आर्च बिशप राजीव सतीश टोप्पो ने कहा कि प्रभु यीशु ने स्वर्ग छोड़कर विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए बालक के रूप में जन्म लिए। उन्होंने अपने जीवन व कार्यो के द्वारा ईश्वरीय प्रेम, पापों की क्षमा, दया और शांति को प्रकट किया। अपने वचन व कृत्यों के द्वारा ईश्वरीय प्रेम, पापों की क्षमा, दया ओर शांति को प्रकट किया। संचालन रेव्ह यीशु नासरी मिंज ने की। जबकि पूर्व की आराधना में संचालन रेव्ह सलमोन एक्का ने की।
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