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ईसाई-आदिवासी समुदाय ने बनाई मानव सीरीज

झमाझम बारिश के बीच रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक रांची शहर के ईसाई और आदिवासी समुदाय ने ईसाई आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने के फैसले और भूमि अधिग्रहण बिल रद्द करने की मांग को लेकर मौन रहकर मानव शृंखला...

झमाझम बारिश के बीच रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक रांची शहर के ईसाई और आदिवासी समुदाय ने ईसाई आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने के फैसले और भूमि अधिग्रहण बिल रद्द करने की मांग को लेकर मौन रहकर मानव शृंखला...
1/ 4झमाझम बारिश के बीच रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक रांची शहर के ईसाई और आदिवासी समुदाय ने ईसाई आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने के फैसले और भूमि अधिग्रहण बिल रद्द करने की मांग को लेकर मौन रहकर मानव शृंखला...
झमाझम बारिश के बीच रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक रांची शहर के ईसाई और आदिवासी समुदाय ने ईसाई आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने के फैसले और भूमि अधिग्रहण बिल रद्द करने की मांग को लेकर मौन रहकर मानव शृंखला...
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झमाझम बारिश के बीच रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक रांची शहर के ईसाई और आदिवासी समुदाय ने ईसाई आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने के फैसले और भूमि अधिग्रहण बिल रद्द करने की मांग को लेकर मौन रहकर मानव शृंखला...
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हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 15 Jul 2018 11:50 PM
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झमाझम बारिश के बीच रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक रांची शहर के ईसाई और आदिवासी समुदाय ने ईसाई आदिवासियों को आरक्षण नहीं देने के फैसले और भूमि अधिग्रहण बिल रद्द करने की मांग को लेकर मौन रहकर मानव शृंखला बनाई। आयोजन सर्व ईसाई महासभा द्वारा किया गया। मौन प्रदर्शन के दौरान हजारों की संख्या में सुजाता चौक से लेकर सिरम टोली चौक, बहुबाजार, कांटाटोली चौक, कोकर चौक, कांटाटोली चौक से लेकर डंगरा टोली, लालपुर चौक तक लोग कतारबद्ध खड़े रहे। इसके अलावा कचहरी चौक से लेकर कांके रोड गांधी नगर और कांके तक और बिरसा चौक से लेकर हेसाग-तुपुदाना तक लोगों ने मानव शृंखला बनाकर बैनर, पोस्टर के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया।

भारी बारिश के बावजूद कई लोग भींगते हुए और कुछ लोग छाता लगाए सड़कों के किनारे डटे रहे। करीब एक घंटे के मौन प्रदर्शन के बाद सभी अपने घरों को लौट गए। आदिवासी युवा नेतृत्वकर्ता कुलदीप तिर्की ने कहा कि हम शांतिप्रिय हैं, परंतु वर्तमान सरकार साजिश के तहत सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। एलविन लकड़ा ने कहा कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार आयी है तब से अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। संविधान से छेड़छाड़ का प्रयास किया जा रहा है। लगातार सरना-ईसाई के बीच मतभेद पैदा किया जा रहा है। अजय टोप्पो ने कहा कि राज्य में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और आरक्षण और नियोजन नीति की धज्जियां उड़ाते हुए बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है। विकास तिर्की ने कहा कि यदि भाजपा सरकार सच में आदिवासियों की हितैषी है तो सरना कोड लागू करे।

मौन प्रदर्शन में केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी युवा मोर्चा के अलावा चर्च संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। मौके पर राजकुमार नागवंशी, पूर्व मंत्री थियोडोर किड़ो, ललित मुर्मू, जेडी तिग्गा, शीतल रुंडा, महिमा गोल्डन, अरुण नगेशिया, रवि तिर्की, नूतन बास्के, अर्चना तिग्गा, अनुशील किस्पोट्टा, अजय समीर बाड़ा, प्रबल कच्छप सहित कई लोग हजारों की संख्या में शामिल थे।

क्या-क्या की गई मांग

- भूमि अधिग्रहण बिल रद्द हो

- चर्च पर बेबुनियाद आरोप नहीं लगाया जाए

- सरना कोड लागू हो

- आदिवासियों का शोषण बंद हो

- झारखंडी हित में नियोजन नीति लागू हो

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