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बच्चे और अभिभावकों में संवाद जरूरी

बच्चों और अभिभावकों के बीच संवाद होना जरूरी है। अभी उनके बीच संवादहीनता की स्थिति है। अभिभावकों से बच्चे सहयोग चाहते हैं जो उन्हें नहीं मिलता है। इसके कारण आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। उक्त राय...

बच्चे और अभिभावकों में संवाद जरूरी
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 13 Sep 2017 01:03 AM
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बच्चों और अभिभावकों के बीच संवाद होना जरूरी है। अभी उनके बीच संवादहीनता की स्थिति है। अभिभावकों से बच्चे सहयोग चाहते हैं जो उन्हें नहीं मिलता है। इसके कारण आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। उक्त राय कांके स्थित डेविस इंस्टीट्यूट में आत्महत्या की रोकथाम के लिए आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी। इसका आयोजन रोटरी क्लब ऑफ रांची नॉर्थ ने किया था। इसमें शहर के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया। वक्ता के रूप में डॉ एजिलाबेथ डेविस, डॉ निशांत गोयल और नीना अग्रवाल और चेयरपर्सन के तौर पर डॉ बिनोद कुमार सिन्हा उपस्थित थे। वक्ताओं ने कहा कि बच्चे मासूम होते हैं। सार्वजनिक तौर पर उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। डांटने फटकारने से पहले उनकी भावना को समझना जरूरी है। स्कूली विद्यार्थी नशा के रूप में डेनड्राईट का प्रयोग कर रहे हैं। देश में दवा बिक्री का कोई कानून नहीं है। इसके कारण व्यक्ति अधिक मात्रा में कोई भी दवा ले लेता है। दूसरे देश में नियम कानून बना हुआ है। समाज बच्चों को अंक के आधार पर देखता है। यह उचित नहीं है। वक्ताओं कहा कि झारखंड में आत्महत्या की दर 1.1 प्रतिशत है। ब्लू व्हेल गेम के प्रति बच्चों में उत्सुकता बढ़ रही है। बच्चों को इस गेम से होने वाली हानि के बारे संझदारी से बताना चाहिए। जीवन के अन्य क्षेत्र में बच्चों को हतोत्साहित करने या दबाव देने की जरूरत नहीं है। हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का स्वागत क्लब के अध्यक्ष समीर चंद्रा ने किया। इस अवसर पर जयदीप चड्ढा, हेजल डेविस, डॉ मिलन बोर्ड, राहुल, जीतेंद्र, रिचर्ड, जुनैद, मानस, विरेंद्र, निहार, सुबोध झा भी मौजूद थे।

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