एशो हे ज्योतिर्मय...से दी कविगुरु को श्रद्धांजलि
रांची में गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की 164वीं जयंती पर मजलिश द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रवींद्र संगीत, नृत्य और कविताओं के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अमृता...

रांची, विशेष संवाददाता। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की 164वीं जयंती पर मेकॉन कम्युनिटी हॉल, बंगाली बिरादरी के सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन मजलिश की ओर से- कवि प्रणाम, सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रवींद्र संगीत, रवींद्र नृत्य और रवींद्र आबृति पाठ, के माध्यम से गुरुदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत अमृता चटर्जी के संगीत निर्देशन, गार्गी घोषाल और बिपाशा भट्टाचार्य की कोरियोग्राफी में- ओई मोहमानोबो आशे..., की प्रस्तुति से हुई। ऐशो हे ज्योतिर्मय..., जैसे गीतों की प्रस्तुति देकर गुरुदेव को स्मरण किया गया। प्रेम, बिरहा, मिलन, की प्रस्तुति ने टैगोर के रोमांटिक गीतों और कविताओं को जीवंत कर किया।
अपराजिता भट्टाचार्य के संगीत निर्देशन और सुमेधा सेनगुप्ता के नृत्य निर्देशन में प्रेम की विभिन्न भावनाओं- विरह और पुनर्मिलन तक, को खूबसूरती से कैद किया। अर्नब बोस ने टैगोर की कविताओं का भावपूर्ण पाठ किया। इसके बाद टैगोर के प्रकृति-विषयक गीतों- हृदोय बसंत, की प्रस्तुति हुई। इशिता मुखर्जी, सिल्विया रॉय, अदित्री मेहरा और सृष्टि की नृत्य प्रस्तुतियों ने सबका दिल जीता। कीबोर्ड पर सौरव देब और तबले पर सुब्रत रॉय मलिक, ने संगत की। संचालन कंचन दत्ता ने किया।
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