सरकारी नियमों का हवाला देकर लोगों को लूट रहे बस संचालक, 350 से 500 की जगह वसूल रहे हैं 1000-1500 रुपए
-रोक के बाद भी धड़ल्ले से बिना किसी डर के अंतरर्राज्यीय बस का किया जा रहा है संचालनसरकारी नियमों का हवाला देकर को लूट रहे बससरकारी नियमों का हवाला देकर को लूट रहे...
राज्य सरकार ने नवंबर पहले सप्ताह तक अंतरराज्यीय बसों के परिचलान पर रोक लगा रखी है। परिवहन विभाग की ओर से जारी निर्देश में स्पष्ट हिदायत दी गई है कि कोई भी बस संचालक राज्य से बाहर अपनी बसें नहीं चला सकते हैं। इसके बाद भी सरकार के आदेश को धत्ता बताकर रोज सैकड़ों बसें सीमाओं को लांघकर बिहार जा रही हैं। इसकी खबर न सरकार को है और न प्रशासन को।
इन बसों में न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और न ही यात्रियों के मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है। हां सख्ती का असर बस इतना है कि औसतन 350-500 रुपए किराए की जगह यात्रियों से 1000-1300 रुपए वसूले जा रहे हैं।
ऑनलाइन कट रहे हैं बसों के टिकट :
सरकारी तंत्र की पूरी व्यवस्था को दरकिनार कर बसों का ऑनलाइन टिकट काटे जा रहे हैं। बस टिकट के लिए कॉमर्शियल वेबसाइट पर रांची से पटना या अन्य शहरों का ठिकाना डालते ही दर्जनों बसों के नाम सामने आ जाते हैं। आसानी से टिकट मिल जाते हैं। इतना ही नहीं यहां टिकट तो बुक कराने की सुविधा है, लेकिन रिफंड कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। यानी अगर आप टिकट कटा कर अपनी यात्रा स्थगित करना चाहते हैं तो आपको उस पैसे से हाथ धोना पड़ेगा। इस पर सरकार के किसी अधिकारी की नजर नहीं जा रही है।
ऑटो में ठूंस कर ले जाते हैं बाहरी हिस्से में, वहां बसों में चढ़ाते हैं :
प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का दिखावा करने के लिए बस संचालक शहर की जगह शहर के बाहरी हिस्से से बस का परिचालन कर रहे हैं। ये बस में यात्रियों को रिंग रोड, ओरमांझी या बूटी मोड़ में बैठाते हैं। एक बस संचालक रातू रोड से रिंग रोड तक यात्रियों को ऑटो में ठूंस कर ले जाते हैं। सारे नियमों को ताक पर रख कर एक ऑटो में आठ से 10 लोगों को बैठाकर रिंग रोड तक पहुंचाया जा रहा है। यह व्यवस्था पिछले एक महीने से लागू है।