बूढ़ापहाड़: खुद की लगायी आईडी से नक्सलियों को हुआ नुकसान
दो राज्यों की पुलिस और सीआरपीएफ के बीच समन्यव स्थापित करने को लेकर हुई...
बूढ़ापहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सबसे बड़े अभियान को लेकर झारखंड, छत्तीसगढ़ और सीआरपीएफ के बीच बेहतर समन्यव स्थापित किया जाएगा। डीजीपी डीके पांडेय ने मंगलवार को कहा कि बूढ़ापहाड़ पर बड़े माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद झारखंड, छत्तीसगढ़ की पुलिस और सीआरपीएफ संयुक्त अभियान चला रही है। यह इलाका नक्सलियों के बाइजंक्शन की तरह है। समन्वय की कमी का फायदा नक्सली न उठा पाएं इसके लिए मंगलवार को बूढ़ापहाड़ में चल रहे अभियान को लेकर सीआरपीएफ के डीजी राजीव भटनागर के साथ राज्य पुलिस के अधिकारियों ने बैठक की। डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि बूढ़ापहाड़ का अभियान सफल हो इसके लिए झारखंड, छत्तीसगढ़ और सीआरपीएफ के बीच समन्वय स्थापित होना जरूरी है। बैठक में बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर चर्चा हुई। डीजीपी ने कहा कि समन्वय स्थापित होने के बाद बेहतर परिणाम आएंगे।
आईडी से वन्य जीवों और ग्रामीणों को न हो नुकसान
बूढ़ापहाड़ में चल रहे अभियान के संबंध में डीजीपी ने कहा कि पहाड़ पर एक करोड़ का इनामी अरविंद जी, सुधाकरण, 25 लाख की इनामी सुधाकरण की पत्नी नीलिमा, बिहार के चकरबंधा का नवीन समेत कई माओवादी मौजूद हैं। नक्सली पुलिस को रोक सकें, इसके लिए नक्सलियों ने चारों तरफ से आईडी बम लगा रखा था। डीजीपी ने कहा कि आईडी के खतरे से वहां रह रहे 10 गांव के लोगों को बचाया जा सके, यह पुलिस की प्राथमिकता है। नक्सलियों द्वारा लगाए आईडी से खुद भी नुकसान हुआ है। आईडी ब्लास्ट में माओवादियों के भी जख्मी होने की सूचना है। डीजीपी ने बताया कि आईडी ब्लास्ट के कारण एक हाथी जख्मी होकर मर गया था। इलाके में वन जीवों की भी क्षति हो रही। पुलिस की प्राथमिकता 10 गांव के लोगों और वनजीवों को बचाने की भी है।
सुदूर इलाकों में विकास बाधित कर रहे
डीजीपी ने कहा कि नक्सली सुदूर इलाकों में विकास बाधित कर रहे। ऐसे में पुलिस ऐसे इलाकों को नक्सल मुक्त करने के मिशन पर है।