
एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार गंभीर नहीं : मरांडी
संक्षेप: स्वास्थ्य मंत्री की कार्यशैली पर उठाए सवाल, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग, अनर्गल बयानों से न तो व्यवस्था सुधरेगी और न ही मरीजों का स्वास्थ्य
रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो राज्य में एंबुलेंस कर्मियों की जारी हड़ताल को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि समय पर वेतन न मिलने के कारण एंबुलेंस कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं, जिससे आम मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से समस्या के समाधान को लेकर गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की पूर्व टिप्पणियां, जिनमें उन्होंने मरीजों को खाट पर अस्पताल लाए जाने को ‘सामान्य बात बतायी थी, दर्शाता है कि वे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कितने संवेदनशील हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि इससे पहले भी एंबुलेंस चालकों की हड़ताल हुई थी, जिसके बाद सरकार, सेवा प्रदाता कंपनी और कर्मियों के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। उस समझौते के तहत कर्मियों को श्रम विभाग द्वारा तय वेतनमान देने, सेवा अवधि 60 वर्ष करने, कटौती किए गए वेतन का भुगतान करने और एनएचएम के माध्यम से सीधे भुगतान की बात कही गई थी। लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि वे खुद हस्तक्षेप कर कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करें और शीघ्र समाधान निकालें। मरांडी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब स्वास्थ्य मंत्री खुद व्यवस्था पर तंज कसने और बयान देने में व्यस्त हों, तो मरीजों को सुचारू इलाज की उम्मीद किससे की जाए? उन्होंने कहा कि अनर्गल बयानों से न तो व्यवस्था सुधरेगी और न ही मरीजों का स्वास्थ्य।

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