पुलिस का बयान और आम जनता के विचार में विरोधाभास : अर्जुन मुंडा
सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला : सच्चाई जानने भाजपा की सात सदस्यीय टीम पहुंची गोड्डा, परिजनों से मुलाकात कर घटना के संबंध में ली विस्तृत जानकारी, रिटायर

रांची/गोड्डा, हिटी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार प्रदेश भाजपा द्वारा सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच के लिए गठित सात सदस्यीय समिति ने रविवार को गोड्डा का दौरा किया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही, पूर्व मंत्री रणधीर सिंह, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, पूर्व विधायक अमित मंडल और अनिता सोरेन शामिल रहीं। इस अवसर पर भाजपा नेता लॉबिन हेंब्रम भी साथ थे। समिति ने सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात की। समिति ने उस विद्यालय का भी दौरा किया, जो सूर्या हांसदा के द्वारा चलाया जा रहा था।
बच्चों से भी समिति के सदस्यों ने जानकारी प्राप्त की। बाद में मीडिया से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार एवं राज्य की पुलिस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस का बयान और आम जनता के विचार में पूरी तरह विरोधाभास है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि सूर्या हांसदा का परिवार ललमटिया क्षेत्र के पारंपरिक मांझी परिवार से आता था। यह परिवार परंपरागत स्वशासन व्यवस्था का प्रधान है। अब उनकी माता इस दायित्व को निभा रही हैं। मुंडा ने कहा कि इस नाते इस परिवार के द्वारा सामाजिक-सांस्कृतिक दायित्वों का निर्वहन किया जाता है। सूर्या हांसदा यहां के विस्थापितों की समस्याओं सहित कई सामाजिक मुद्दों को लगातार उठाते रहे थे, जिस कारण उनके ऊपर कई मुकदमे दर्ज हुए। 14 मुकदमों में उनको बरी किया गया था। लेकिन उनके खिलाफ साजिश करने वाले रुके नहीं। कई घटनाओं में उनका नाम जानबूझकर साजिश के तहत जोड़ा जाता रहा है। मुंडा ने कहा कि 27 मई को सूर्या हांसदा पर जो मुकदमा दर्ज हुआ, वह पूरी तरह झूठा था। वे उस दिन अपने बच्चे का जन्मदिन परिवार के साथ मना रहे थे। फर्जी केस दर्ज कर पुलिस उनको ढूंढ़ने लगी और बिना कोर्ट वारंट के गिरफ्तार करते हुए साजिश के तहत उन्हें मार दिया गया। मुंडा ने कहा कि पुलिस जिसे अपराधी बता रही, उनका चरित्र समाज सेवा का रहा है। वे एक विद्यालय का सफल संचालन करते थे, जिसमें लगभग 350 बच्चे पढ़ते थे। शिक्षा के माध्यम से समाज की सेवा करने वाले को राज्य पुलिस साजिश के तहत अपराधी बता रही। आखिर पढ़ाता वही है, जो समाज का भविष्य गढ़ना चाहता है। मुंडा ने कहा कि सूर्या हांसदा राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे और लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने चुनाव भी लड़े थे। पोस्टमार्टम में की गई गड़बड़ी मुंडा ने कहा कि सरकार के इशारे पर पोस्टमार्टम में भी गड़बड़ी की गई है। पूछने पर स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन लीपापोती करने में जुट गया है। मुंडा ने राज्य सरकार से मांग की, कि जनता और सूर्या हांसदा के परिवार को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए राज्य सरकार पहले दोबारा पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार करे और फिर हाइकोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर घटना की निष्पक्ष जांच कराना सुनिश्चित करे। अर्जुन मुंडा ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस पर पुनर्विचार नहीं करती है तो भाजपा आने वाले दिनों में न्याय दिलाने के लिए बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगी।
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