हजारीबाग हिंसा पर भाजपा आक्रामक, कहा- झारखंड बन चुका है तुष्टिकरण की प्रयोगशाला
भाजपा ने हजारीबाग जिले के इचाक में महाशिवरात्रि के दिन हुई हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि यह घटना पिछले पांच वर्षों की नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कांग्रेस...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा ने हजारीबाग जिले के इचाक में महाशिवरात्रि के दिन हुई हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा सिर्फ एक दिन की घटना नहीं है, बल्कि यह पिछले पांच वर्षों की नीतियों और सोच का परिणाम है, जो धीरे-धीरे झारखंड को भीतर से कमजोर कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह तुष्टिकरण की वही राजनीति है, जिसकी नींव कांग्रेस ने स्वतंत्रता से पहले ही रख दी थी और अब झारखंड इस नीति का प्रयोगशाला बन चुका है। अजय साह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और जेएमएम की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति विभिन्न रूपों में राज्य में दिख रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जबरन स्कूलों को शुक्रवार को बंद करवाना, अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देना, स्लीपर सेल को राजनीतिक संरक्षण देना, आदिवासी लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाना, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों का विस्तार और बड़े पैमाने पर धर्मांतरण को बढ़ावा देना इसी नीति का हिस्सा है।
2022 के दंगे का मास्टरमाइंड कौन, अब तक पता नहीं
साह ने 2022 में रांची में हुए दंगे का उल्लेख करते हुए कहा कि राजधानी में दिनदहाड़े उपद्रव हुआ था, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि उसके पीछे का मास्टरमाइंड कौन था। उन्होंने कहा कि 10 जून की उस घटना ने पूरे झारखंड में उपद्रवियों को यह संकेत दिया कि वे चाहे शहर को जला भी दें, सरकार उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करेगी। अजय साह ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों ने झारखंड में अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों को पैर पसारने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार के किसी भी मंत्री ने डॉ. इश्तियाक अहमद के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, जो राज्य में अलक़ायदा को बढ़ावा देने की वजह से गिरफ़्तार किया गया है। हजारीबाग की हिंसा को लेकर साह ने हैरानी जताई कि जहां दोषियों की पहचान स्पष्ट हो चुकी है, वहां भी सरकार के एक मंत्री हिंदू समाज को परोक्ष रूप से धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि यदि झारखंड सरकार जल्द ही अपनी तुष्टिकरण की नीतियों को नहीं छोड़ती, तो राज्य पूरी तरह उपद्रवियों की चपेट में आ जाएगा।
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