भरत ऋषिकेश प्रभु ने शहर भ्रमण कर किया संकीर्तन
अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ, खूंटी इस्कॉन नामहट के तत्वावधान में तीन दिवसीय आध्यात्मिक प्रवास में पंजाब बद्रिका आश्रम से आए भरत ऋषिकेश प्रभु जी...

खूंटी, संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ, खूंटी इस्कॉन नामहट की ओर से तीन दिवसीय आध्यात्मिक प्रवास में पंजाब बद्रिका आश्रम से आए भरत ऋषिकेश प्रभु और पुरुषोत्तम प्रभु ने शनिवार को खूंटी नगर भ्रमण संकीर्तन यात्रा की। यात्रा की अगुवाई शुकामृत दास और संचालक इस्कॉन केंद्र खूंटी द्वारा की किया l
सैकड़ों की संख्या में भक्त हरे कृष्ण-हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे, हरे राम-हरे राम, राम-राम हरे-हरे की धुन में शहर भ्रमण किया। संकीर्तन के बाद खूंटी इस्कॉन केंद्र में भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथावाचक भरत ऋषिकेश प्रभु ने कहा कि मनुष्य जन्म पाकर जो भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति नहीं करता वह अज्ञानी है, भक्ति का सुअवसर पवित्र आत्मा को है। भक्ति का कभी नाश नहीं होता। भक्त के शरीर त्यागे जाने पर भी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से पुनः अच्छे घर, धनवान घर, पुण्यवान घर, गुणवान घर में एक जीव का जन्म होता है। भक्ति प्रारंभ होती है। धीरे-धीरे जीव भगवान से पुनः संबंध स्थापित करते हुए भगवतधाम को चला जाता है। जहां जन्म, मृत्यु, व्याधि कभी नहीं होती। केवल सुख व सुख और आनंद ही आनंद वह परमानंद सच्चिदानंद को प्राप्त करता है और सफल योगी कहलाता है। इस कार्यक्रम के पश्चात दूरदराज क्षेत्र से आए सभी भक्तजनों के बीच खिचड़ी महाप्रसाद का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में भक्त रमेश भक्त विनोद और भक्त जदू लाल ने सहयोग किया।